कमल विहार अब कहलाएगा कौशल्या विहार:CM भूपेश ने की घोषणा, 167 करोड़ की सुविधाएं दी।

रायपुर : राजधानी में हुए भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को बोरियाखुर्द पहुंचे। यहां लोगों से उन्होंने सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान 167 करोड़ रूपए के विकास कार्याे की सौगात दी। रायपुर ग्रामीण विधानसभा को ध्यान में रखकर इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया। यहां लोगों से बात-चीत में मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार को भी घेरा। वहीं रायपुर के कमल विहार का नामकरण कौशल्या विहार करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है।

बोरियाखुर्द मैदान में आयोजित सभा में राखी साहू नाम की युवती से CM ने कहा- धनंवतरी योजना का लाभ लिए कि नहीं। युवती ने कहा- मेडिकल स्टोर से शुगर की दवाएं लेती हूं, CM ने पूछा घर में कितने लोग हैं, लड़की ने कहा- 4 लोग हैं पापा को शुगर है, उनके लिए दवाएं लेती हूं। CM ने पूछा कितनी की लेते हो दवाएं, लड़की ने कहा 600 रुपए कि लेते हैं, पहले 1700 की मिलती थी।

‘पिछली सरकार में होता था अंखफोड़वा-गर्भाशय कांड’ :

CM ने आगे कहा – सीधे 1100 रुपए की बचत हो रही है, सब ब्रांडेड दवाएं मिल रही हैं, दवाएं असर कर रही हैं। पिछली सरकार में फर्जी नकली दवाएं मिलती थीं। तब तो अंखफोड़वा कांड हो जाता था, नसबंदी कांड हो जाता था, गर्भाशय कांड होता था। अब असली दवाएं मिलती हैं। पिछली सरकार में आम लोगों ने इलाज के नाम पर अपनी आँखें जिंदगीभर के लिये खो दीं।

क्या है कमल विहार प्रोजेक्ट :

पिछली भाजपा सरकार के दौरान सरकारी एजेंसी के जरिए लोगों को प्लॉट उपलब्ध कराने के लिए कमल विहार प्रोजेक्ट लाया गया था। रायपुर विकास प्राधिकरण वह एजेंसी है जो इस प्रोजेक्ट की कर्ता-धर्ता एजेंसी है, यहां अलग-अलग साइज में कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्लॉट बेचने की योजना रही है। यह प्लॉट एरिया रायपुर के पुराना धमतरी रोड बोरियाखुर्द तालाब के पास स्थित है। कई तरह के विवादों में रहने की वजह से भी इस प्रोजेक्ट में बहुत से लोगों ने रुचि नहीं दिखाई। अभी कमल विहार प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा वीरान है। यहां बसाहट नहीं है। यह प्रोजेक्ट शुरू से ही विवादित रहा है, जहाँ कई आम लोगों के पैसे फंसे रहे और नुकसान हुये।