दुर्ग। कोर्ट ने 3 साल की बच्ची को बिस्किट का लालच देकर घर बुलाने और उसके साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी को मरते दम तक सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीसी संगीता नवीन तिवारी की कोर्ट ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के मामले में सुनवाई करते हुए सुनाया है।
विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने बताया कि 3 वर्षीय मासूम बच्ची की मां लड्डू बनाने का काम करती है। उसका पति जेल निहित है। उसकी दो बच्चियां हैं। छोटी बच्ची तीन साल की है। पड़ोस में रहने वाले आरोपी मोहन कुमार प्रसाद (32 वर्ष) कैंप 1 के घर आना जाना करती थी। मोहन बच्ची को खाने का लालच देकर अपने घर बुलाता और उनके साथ अश्लील हरकत करता था। घटना 30 अप्रैल 2022 की है। उस दिन बच्ची की मां काम पर नहीं गई थी और अपने घर में सुबह खाना बना रही थी। उसकी मासूम बच्ची घर के पास ही खड़ी थी। इसी दौरान आरोपी मोहन कुमार ने उसे बिस्किट देने का लालच देकर घर में बुला लिया। किचन का काम करने के बाद मां बच्ची को खोजने निकली तो पूरी सच्चाई पता चली।
मां ने देखा उसकी बच्ची मोहन के घर से पैंट को पहनते हुए निकल रही है। इस पर मां ने बच्ची से पूछा कि पैंट क्यों उतारा। इस पर बच्ची ने कहा कि उसका पेंट भैया ने उतारा था। मां को शंका हुई और उसने बच्ची का पेंट उतार कर देखा तो उसे बच्ची के साथ गलत हरकत किए जाने का आभास हुआ। बच्ची ने मां से कहा कि अब वह भैया के घर नहीं जाएगी, भैया उसके साथ गंदी बात करते हैं। इस पर बच्ची की मां ने पड़ोसी का दरवाजा खटखटाया तो आरोपी ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद मां ने थाना में शिकायत दर्ज कराई।