रायगढ़ । कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जिले में स्कूल मरम्मत के निर्माण कार्यों की समीक्षा के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों, सभी कार्य एजेंसी और ठेकेदारों की मैराथन बैठक ली। उन्होंने शिक्षा विभाग और निर्माण एजेंसी आरईएस के अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि स्कूलों का निर्माण बच्चों से जुड़ा है इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। कहीं गड़बड़ी हुई तो मानकर चलिए सबसे कड़ी कार्यवाही होगी।
उन्होंने कहा कि रायगढ़ जिले को पूरे प्रदेश का लगभग 25 प्रतिशत बजट मिला है। 15 सौ से अधिक स्कूलों में निर्माण और जीर्णोद्धार के लिए लगभग 100 करोड़ से अधिक की राशि जारी हुई है। यह एक ऐतिहासिक अवसर है जब जिले में डेढ़ हजार से अधिक स्कूलों के लिए एक साथ राशि प्राप्त हुई है। इससे पूरे जिले के स्कूल संवर जायेंगे। इसका पूरा लाभ बच्चों को मिलना चाहिए।
कलेक्टर सिन्हा ने अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि सारे काम समय-सीमा में हो। काम पूरी ईमानदारी से किया जाए। मिली राशि को अनावश्यक कार्यों में न खर्चें उसका पूरा सदुपयोग होना चाहिए। कलेक्टर सिन्हा ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर विशेष रूप से सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्कूल की छतों और दीवारों में सीपेज न हो, टॉयलेट गुणवत्ता पूर्ण हों, कमरे हवादार हों, कक्षाओं में वेंटिलेशन और प्रकाश की अच्छी व्यवस्था हो।
उन्होंने सभी स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के भी निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर सिन्हा ने विकासखंडवार सभी स्कूलों में काम के स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन जगहों में टेंडर जारी नही हुए हैं उनमें जल्द टेंडर जारी कराएं। जहां कार्यादेश हो चुका है वहां जल्द काम शुरू कराएं। जिन जगहों में काम शुरू हो गया है वहां गुणवत्ता का विशेष खयाल रखें।
प्रिंसिपल को दें इस्टीमेट की कॉपी, मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी
कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि स्कूलों में होने वाले काम की पूरी जानकारी वहां के प्रिंसिपल को होनी चाहिए। उन्होंने ईई आरईएस से कहा कि सभी प्रिंसिपल्स को उनके स्कूल में होने वाले काम का इस्टीमेट दें। काम के गुणवत्ता की मॉनिटरिंग प्रिंसिपल को करना है। उन्होंने कहा कि स्कूलों का काम यह सोच कर कराएं कि आप अपने घर का काम करवा रहे हैं। इसमें कोताही बर्दाश्त नही की जाएगी।
15 जून तक स्कूलों की छुट्टी, युद्धस्तर पर करें काम
कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि 5 मई से 15 जून तक सारे स्कूल बंद रहेंगे। ऐसे में सभी निर्माण एजेंसी इस समय का पूरा फायदा उठाएं और युद्धस्तर पर काम करते हुए सभी निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करें। ताकि अगले शिक्षा सत्र में बच्चों को स्कूल नए कलेवर नए साज-सज्जा के साथ मिले।