रायपुर। रायपुर के अभनपुर, समेत प्रदेश के अन्य जिलों से फसलों के खराब होने की खबरें आ रही हैं। वजह है अप्रैल और मई के महीने में हुई बारिश और ओलावृष्टि। अब किसानों को समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के निसदा गांव के रहने वाले किसान ज्यादातर सब्जी और धान की खेती करते हैं। यहां कई किलो टमाटर बारिश की वजह से खराब हो गए।
खेतों में बेमौसम बरसात की वजह से पानी भर गया और फसल चौपट हो गई। सड़े-गले टमाटरों को अब किसान फेंक रहे हैं। कच्चे फसल के पौधे टूट गए, झड़ गए। अब इनकी लागत कैसे निकलेगी इसकी भी चिंता है।प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खत लिखा है। ये खत बेमौसम बरसात की वजह से किसानों को हुए नुकसान को लेकर है। विपक्ष की ओर से अब फसलों के नुकसान को लेकर मुआवजे की मांग की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष का पत्र
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र को लेकर कहा- असमय आंधी और बरसात के कारण प्रदेश की रबी फसल के साथ सब्जी और फल की फसल बर्बाद हुई है। इससे छत्तीसगढ़ के किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन असंवेदनशील कांग्रेस सरकार ने नुकसान के सर्वे के लिए अभी पहल भी शुरू नहीं की है। इसलिए हमने मुख्यमंत्री को जल्द प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए पत्र लिखा है। चंदेल ने दावा किया है कि लाखों एकड़ में खड़ी धान की फसल बर्बाद हुई है।
भाजपा किसान मोर्चा के नेता संदीप शर्मा ने बताया कि अप्रैल-मई में बारिश ने वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले लगभग पखवाड़ेभर से लगातार हो रही बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और वज्रपात से रबी और उद्यानिकी फसलें तबाह हो गई है, और किसानों का समूचा अर्थतंत्र चरमरा गया है। खासकर धान की फसल की हालत तो यह है कि लगभग 40 प्रतिशत धान के दाने खेत में ही झड़ गए हैं। ग्रामीण कृषि कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
ये होना चाहिए मगर नहीं हो रहा
शर्मा ने बताया कि प्रशासनिक अफसर किसानों को लेकर कुछ भी काम नहीं कर रहे हैं। पटवारी को बुलाकर रिपोर्ट तैयार कराने, फसलों की क्षति का आंकलन कराने और छत्तीसगढ़ के आपदा पीड़ित किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की घोषणा करने की सबसे ज्यादा जरूरत है, मगर ऐसा कुछ भी काम ग्रामीण इलाकों में नहीं हो रहा जहां फसलें प्रभावित हुई है।