दुर्ग : छत्तीसगढ़ में लगातार घोटाले और धोखाधड़ी उजागर हो रहे है, आज कोलकाता निवासी प्रकाश जायसवाल से 53 करोड़ के शेयर की धोखाधड़ी के आरोप में तीनों कोठारी बंधुओं को CBI ने शुक्रवार को उनके घर गिरफ्तार किया। इसके बाद न्यायालय से उनका रिमांड लिया और फिर अपने साथ कोलकाता ले गई। इन तीनों लोगों के खिलाफ महावीर डेवलपर्स के साथ 80 करोड़ रुपए से अधिक के शेयर घोटाले का मामला दर्ज है। जिसको लेकर यह कार्यवाही की गई है।
खबर के मुताबिक पश्चिम बंगाल कोलकाता से सीबीआई की 40 सदस्यीय टीम शुक्रवार तड़के साढ़े पांच बजे दुर्ग पहुंची थी। सीबीआई ने पूरी फोर्स को अलग-अलग चार टीमों में बांटा। इसके बाद सीए श्रीपाल कोठारी, सुरेश केठारी और सिद्धार्थ कोठारी के घर और ऑफिस में एक साथ छापा मारा।
श्रीपाल कोठारी ने जैसे ही अपने घर के सामने फोर्स को देखा तो दरवाजा बंद करके अंदर रखे दस्तावेजों को जलाना शुरू कर दिया था। इसके बाद CBI ने बड़ी मुश्किल से दरवाजा खुलवाया, लेकिन तब तक काफी मात्रा में दस्तावेज जल गए थे। कई घंटों तक घर में उनसे पूछताछ की गई और दस्तावेज खंगाले गये।
जानिए पूरा मामला :
दुर्ग जिले के कोठारी ब्रदर्स पर पश्चिम बंगाल कोर्ट में धोखाधड़ी करने का केस दर्ज है। जिसमें सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। मामला साल 2005 का है। शिकायतकर्ता प्रकाश जायसवाल ने रजत बिल्डकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 40 हजार शेयर खरीदे थे। इन शेयर्स की वर्तमान कीमत लगभग 54 करोड़ है। सुरेश कोठारी और उनके भाइयों ने जायसवाल के शेयर्स को धोखे से अपने नाम कर लिया था। इसी को लेकर केस दर्ज किया गया था।
इसके बाद प्रकाश जायसवाल ने कोलकाता के बुर्ताल्ला पुलिस थाने में मामले की शिकायत की थी। जब कोलकाता पुलिस तीनों आरोपियों को पकड़ने में असफल रही तो न्यायालय ने मामले में CBI जांच के आदेश दिए। मामला दर्ज होने के बाद कोठारी बंधुओं ने कोलकाता हाईकोर्ट और सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
दुर्ग पुलिस के साये में खुलेआम रहते थे आरोपी :
धोखाधड़ी मामले में कोठारी बंधुओं की जमानत खारिज होने के बाद कोलकाता पुलिस तीन से चार बार उन्हें गिरफ्तार करने दुर्ग आ चुकी है। लेकिन वो उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी। कोलकाता पुलिस जब भी यहां आती दुर्ग पुलिस आरोपियों को घर से बाहर भेज देती थी। आखिरकार कोलकाता पुलिस ने न्यायालय में लिखकर दिया था कि दुर्ग पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है। इसके बाद न्यायालय ने CBI को गिरफ्तारी करने के लिए भेजा था। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
दुर्ग में भी दर्ज है 80 करोड़ रुपए की ठगी का मामला:
इन तीनों आरोपियों के खिलाफ दुर्ग के रजत सुराना ने भी 80 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। दुर्ग पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर तीनों के खिलाफ 25 जनवरी 2023 को ठगी का मामला दर्ज किया है। आरोपी खुलेआम दुर्ग शहर में घूम रहे हैं। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने से दुर्ग पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है। जिसके कारण उन्हें पकड़ने के लिये CBI को आना पड़ा।
रजत सुराना का कहना है कि दुर्ग पुलिस तो मामला भी नहीं दर्ज कर रही थी। जब उन्होंने जिला न्यायालय में परिवाद लगाया और वहां से एफआईआर दर्ज करने का आदेश हुआ तब जाकर दुर्ग कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया है।