रतनपुर/बिलासपुर : बिलासपुर में आमतौर पर मारपीट जैसे छोटे-मोटे मामलों में काउंटर केस बनाने वाली पुलिस का नया कारनामा सामने आया है। इस बार पुलिस ने रेप जैसे गंभीर केस में पीड़ित लड़की की मां पर ही काउंटर केस दर्ज करके जेल भेज दिया है। विधवा महिला पर आरोप है कि 10 साल के बच्चे के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया है। इधर, रेप पीड़िता ने TI पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि,मेरे केस को कमजोर किया जा रहा है। और रेप के आरोपी को बचाने के लिए मेरी मां को जेल भेज दिया गया है।
जबकि दुष्कर्म की शिकार लड़की ने थाने के टीआई पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, मेरे केस को कमजोर करने और रेप के आरोपी को बचाने के लिए मेरी मां को झूठे मामले में फंसाकर जेल भिजवाया गया है।
रतनपुर क्षेत्र में रहने वाली युवती ने अपने आवेदन में बताया कि उसने रतनपुर में रहने वाले युवक के खिलाफ दुष्कर्म का केस किया है। इस मामले में कार्यवाही करते हुए पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। युवक के जेल जाने के बाद उसके परिवार वालों की ओर से समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। युवती ने आरोप लगाया कि समझौते से इन्कार करने पर युवक के स्वजन ने पुलिस से सांठगांठ की। इसके बाद उसकी मां के खिलाफ झूठी शिकायत की गई। मामले में पुलिस ने जुर्म दर्ज कर उसकी मां के खिलाफ धारा 377 व पाक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही की है। न्यायालय के आदेश पर उसकी मां को जेल भेज दिया गया है। इस मामले में शनिवार को महिला हिंदू संगठन के पदाधिकारियों के साथ एसपी कार्यालय पहुंची। यहां पर उसने आवेदन सौंपकर पूरे मामले की जांच की मांग की है।
जिस पर बिलासपुर SP संतोष कुमार सिंह ने कहा है युवती के आवेदन की जांच की जा रही है। मामला पाक्सो एक्ट से जुड़ा है। इसके हर पहलू की जांच होगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी।
इस बारे में थाने के टीआई कृष्णकांत सिंह का कहना है कि
जिस युवक पर बलात्कार का आरोप है, उसी युवक के घर 10 साल का एक लड़का रायपुर से आया था। वह एक दिन मोहल्ले की दुकान में फ्रूटी लेने जा रहा था, तभी विधवा महिला उसे चॉकलेट देने के बहाने अपने घर ले गई, और नाबालिग बच्चे के प्राइवेट पार्ट से छेड़खानी की थी। उस बच्चे की मां की शिकायत पर विधवा महिला के खिलाफ धारा 377, 506 और 4-12 पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करके महिला को जेल भेज दिया है। उन्होंने कहा, हम दोनों केस को अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं।
जबकि बलात्कार की शिकार लड़की का आरोप है कि, मेरे द्वारा दुष्कर्म का केस दर्ज कराने के बाद से पहले तो मुझे काफी डराया-धमकाया गया। इसके बाद पैसों का लालच देकर भी समझौता कराने की भी कोशिश की गई। लेकिन जब हम लोग तैयार नहीं हुए, तब आरोपी आफताब मोहम्मद के परिवार वालों ने टीआई के साथ मिलकर मेरी मां पर झूठे आरोप में फंसावा दिया है। हम गरीब हैं, हमारा कोई नहीं है। इसलिए इस तरह से साजिश रची गई है।
चार साल से कर रहा था बलात्कार :
पीड़ित लड़की बोली, 4 साल पहले जब वह स्कूल में पढ़ती थी, तब उसकी पहचान आफताब से हुई थी। आरोपी ने उससे दोस्ती करके प्यार का इजहार किया था। लड़की उसके झांसे में आ गई। फिर लड़का उसे अपने साथ घुमाने ले जाने के बहाने उसके साथ बलात्कार किया था। बदनामी के डर से युवती ने किसी को इस बारे में जानकारी नहीं दी थी। इसी बात का फायदा उठाकर आरोपी उसके साथ लगातार दुष्कर्म करता रहा।
पुलिस की कार्यवाही संदेहास्पद :
इस पूरे मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जब भी किसी नाबालिग बच्चे के साथ शोषण होता है तो कानूनन
बाल कल्याण समिति की राय ली जाती है साथ ही काउंसलिंग करवाना भी अनिवार्य होता है, लेकिन एक बच्चे के साथ अप्राकृतिक कृत्य जैसा बेहद संवेदनशील मामला जुड़ा होने के बावजूद पुलिस ने न तो बाल कल्याण समिति की राय लेना जरूरी समझा और न ही काउंसिलिंग करवाई गई। इसके विपरीत पुलिस ने तो आनन-फानन में सीधे केस दर्ज कर पीड़ित लड़की की विधवा मां को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के इस रवैया से आम जनता से तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
भाजपा नेता और पार्षद है करीबी रिश्तेदार :
इस पूरे मामले में पता चला है कि बलात्कार पीड़ित युवक का करीबी रिश्तेदार हकीम मोहम्मद भाजपा नेता और पार्षद है। जब बलात्कार का केस दर्ज हुआ, तब भी पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। लेकिन, परिजन दबाव में नहीं आए।