रायपुर : चौरसिया कॉलोनी जाने वाले रस्ते में सरकारी गिट्टी खदान को पाटकर मकान और गोदाम बनाने के मामले में निगम ने बड़ी कार्यवाही की है। यहाँ पहले गिट्टी खदान थी, अब यहाँ लोगों ने अवैध कब्जे करके मकान आदि बना लिये है। शनिवार को निगम ने अवैध निर्माण को बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया। पत्रिका ने 9 जून को मामला उजागर किया था। खसरा नंबर 201/1 और 202/1 पर बुलडोजर चलाकर 10 से ज्यादा मकानों को तोड़ दिया गया।
राजस्व रेकॉर्ड में खसरा नंबर 201/1 सरकारी खदान और शासकीय भूमि है। यहाँ पर भू-माफियाओं ने बड़ी बिल्डिंग, गोदाम और मकान बना दिये है। निगम ने अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाकर करोड़ों रुपए की डेढ़ एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया है। बता दें कि जिस जगह पर कार्यवाही हुई है उसमें कुछ रसूखदारों के मकान को सरकारी बुलडोजर अब भी छू नहीं पाया है। लोग इसे भेदभावपूर्ण कार्यवाही बता रहे है।
सजा का प्रावधान है, लेकिन सिर्फ नोटिस जारी किया गया :
सरकारी राजस्व भूमि पर कब्जा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ धारा-91 में केस दर्ज होता है, जिसमें टैक्स का 50 गुना जुर्माना, 3 माह तक की सजा का प्रावधान है। राजस्व भूमि पर कब्जा की शिकायत पर धारा-91 के तहत केस दर्ज होता है। इसमें अधिकारी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-145 के तहत कार्यवाही करने का प्रावधान है, लेकिन राजधानी में अब तक किसी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
यहां पर कार्यवाही नहीं :
चौरसिया कॉलोनी के इमली खदान में 50 से अधिक मकान बन चुके हैं। मठपुरैना में रिंग रोड दुर्गा मंदिर के पास अवैध दुकानें और गोदाम बनाए गए हैं। यहां सिर्फ देवार बस्ती के मकानों को तोड़कर रसूखदारों के अवैध निर्माण को छोड़ दिया गया है। लोगों ने इसे भेदभावपूर्ण कार्यवाही बताया है।
सिर्फ तोड़फोड़ की गई :
मामले में निगम के कर्मचारियों का भी नाम सामने आ रहा है। नगर निगम द्वारा इसकी टैक्स रसीद काटने की भी शिकायत मिली थी। यह पूरा गोरखधंधा निगम और राजस्व अधिकारियों के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। कहीं न कहीं इसमें अधिकारियों की मिली भगत का भी अंदेशा है।