मोबाईल व दस्तावेज गुम, प्रताड़ना की शिकायत पर थाने में वसूले जा रहे रूपये, जबकि शिकायत के नहीं लगते पैसे।

राजधानी : जब भी आपके साथ कोई घटना घटित हो या आपका कोई सामान अथवा दस्तावेज गम हो जाये तो उसकी एवज में आपको कोई क़ानूनी परेशानी ना उठानी पड़े उसके लिये थाने में शिकायत देना अनिवार्य होता है, अब जिले में मोबाईल व दस्तावेज (ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम, पासपोर्ट, पासबुक) गुम होने पर शिकायत करने के लिए भी पुलिस को पैसे भी देने पड़ रहे हैं। पावती लेने के लिए रिश्वत देनी पड़ रही है। शिकायत है कि बिना पैसे लिए थानों में किसी तरह की पावती नहीं दी जा रही है। पैसे न देने वालों को कोई न कोई बहाना कर घंटों थाने में बिठाकर रखा जा रहा है, और काफी घुमाया भी जाता है।

मजबूरी में लोग पैसा देकर पावती ले रहे हैं। इसी तरह से महिला संबंधित प्रताड़ना की शिकायत करने जाने वाले पीडितों से शिकायत की कॉपी लेने के लिए 500-500 रुपए वसूलने की शिकायतें हैं। थाने की सीढ़ी चढ़ने वालों की पैसा दिए बिना शिकायत तक नहीं सुनी जा रही। पुलिस का कम ही लोगों की शिकायतें लेकर उनका समाधान करना होता है, यही पुलिस का कार्य है, पुलिस है तो आम आदमी खुद को बदमाशों से सुरक्षित मानता है, लेकिन जब वही पुलिस किसी आम आदमी की परेशानी में उससे पैसे मांगने लग जाये तो आम आदमी कहाँ अपनी तकलीफ बताये?

लगातार इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार पीड़ितों की शिकायत लेना पुलिस का काम है। इसके लिए किसी तरह की फीस या पैसा नहीं लगता है, जो भी पुलिस कर्मी इस तरह से कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

पहला केस सड्‌डू निवासी डीके शर्मा मंगलवार को पंडरी थाना में ड्राइविंग लाइसेंस गुम होने की शिकायत करने गए थे। उन्हें नए लाइसेंस की अर्जी के लिए पुलिस की शिकायत कॉपी चाहिए थी। वे आधे घंटे तक थाने में बैठे रहे। मुंशी आवेदन लेने से इंकार करते रहे। कहने लगे कि उनके पास बहुत काम है। फिर कहा कि चाय-पानी लगेगा, तब पावती मिलेगी। उनसे 100 रुपए लेने के बाद उन्हें पावती दी गई। जब तक उन्हें काफी देर तक बिठाया गया।

दूसरा केस : गुढ़ियारी निवासी बुजुर्ग महिला अपनी बहू से परेशान होकर महिला थाना में शिकायत करने गई। वहां उनसे कई तरह के सवाल-जवाब किए गए। उसके बाद वहां पदस्थ महिला पुलिस कर्मी ने कहा कि शिकायत देने के लिए 500 रुपए फीस है। बुजुर्ग महिला ने पैसा दिया। तब उनकी शिकायत ली गई। दूसरे दिन एक युवक से पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए पैसे मांगे गए। इस तरह की पैसा मांगने की शिकायतें लगातार आ रही है, आम आदमी को पुलिस से काफी मिन्नतें करनी पड़ती है और चाय – पानी भी देना पड़ता है।

तीसरा केस : डीडी नगर में रहने वाले निजी कंपनी के मैनेजर ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। उनका पुलिस सत्यापन के लिए दस्तावेज थाने आया। वहां उन्हें फोन करके बुलाया गया। उनसे सत्यापन के लिए 200 रुपए लिए गए। उसके बाद सत्यापन कर दस्तावेज को ऑनलाइन फारवर्ड कर दिया गया। किसी – किसी से 500 रूपये लेने की भी शिकायतें आई है। जबकि यह सब पुलिस का काम है, इसीलिये भी कई बार मकान मालिक अपने किरायेदार की सूचना देने के लिये चक्कर काटने के कारण थाने में सूचना नहीं देता और बदमाश अपराध करके निकल जाते है और बाद में मकान मालिक पुलिस कार्यवाही में फंसता है।

सभी थानों की यही स्थिति :
राजधानी के किसी एक थानों की यह शिकायत नहीं है। अधिकांश थानों में ऐसे ही लोगों से पैसा लिए जाने की शिकायत है। शहर के 30 थानों में पीड़ित परिवार से चार्जशीट पेश करने के लिए पैसा लिया जाता है। उनसे स्टेशनरी से लेकर फोटो कॉपी तक का पैसा मांगा जाता है। परिवार पहले से ही पीड़ित है और वो इस तरह से और ज्यादा परेशान होता है।

“मुझे ऐसी जानकारी नही हैं। पावती देने के लिए कोई फीस नहीं ली जाती है। ऐसा है तो जांच कराते हैं। दोषी पर कार्यवाही की जाएगी।” – देवचरण पटेल,एएसपी रायपुर