खैरागढ़ – छुईखदान को जिला बनाने के बाद कांग्रेस के हाथ क्या आयेगा? क्या है इस साल के चुनाव का गणित?

Khairagarh/Chhuikhan/Gandai :  एक साल पहले हुए उपचुनाव के बाद अब खैरागढ़ में एक बार फिर चुनाव होने जा रहे हैं, क्यूंकि इस वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य में चुनाव होने जा रहा है, इसमें बीजेपी, कांग्रेस और जोगी कांग्रेस तीनों ही अपने प्रयास करेंगे अब देखना होगा की 2023 के विधानसभा चुनावों में क्या होता है? यहाँ की जनता का क्या मन बनता है? ऊपर से पटवारियों की हड़ताल ने यहाँ के कामों को रोक रखा है, जिसका अभी तक हल नहीं निकल पाया है।

लगातार मांग और कई आंदोलनों के बाद राजनांगांव से अलग करके खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को नया जिला बनाया गया, यह राज्य का 31 वां जिला बनेगा। इसमें मात्र एक विधानसभा सीट खैरागढ़ आती है, जिसे 2018 विधानसभा चुनावों में जोगी कांग्रेस से देवव्रत सिंह ने बीजेपी की कोमल जंघेल के खिलाफ जीत लिया था, लेकिन, देवव्रत सिंह ने पलटी मारी और इलाके को एक उपचुनाव का सामना करना पड़ा। इसमें कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने एक बार फिर बीजेपी की कोमल जांघेल को हरा दिया, अब देखना होगा की 2023 के विधानसभा चुनाव में जनता किसे मौका देती है। आमतौर पर यह सीट कांग्रेस के खाते में जाने की ही ज्यादा उम्मीद है।

वर्तमान स्थिति (2018) :

खैरागढ़ की अनरिजर्व सीट से 2018 का चुनाव जोगी कांग्रेस से देवव्रत सिंह ने जीता, उनके खिलाफ कोमल जंघेल में हार गई, हालांकि, साल 2022 में एक बार फिर देवव्रत सिंह के दलबदल के कारण उपचुनाव हुए और इसमें कांग्रेस की यसोदा वर्मा ने बीजेपी की कोमल जंघेल को हरा दिया।

वोटों के आंकड़े :

खैरागढ़ में कुल 201767 मतदाता हैं. यहां महिलाएं 100642 और 101117 पुरुष वोटर हैं।

2018 में वोट शेयर :

विधानसभा चुनाव 2018 में खैरागढ़ से बीजेपी 60646 को और JCCJ को 61516 और अन्य के खाते में 48459 वोट गए।

2018 के आंकड़े :

विधानसभा चुनाव 2018 में खैरागढ़ का चुनावी गणित बदल गया। जोगी कांग्रेस बनने के बाद यहां से कांग्रेस तीसरे नंबर पर पहुंच गई और भाजपा दूसरे नंबर पर आ गई, हालांकि, कुछ समय बाद यहां दलबदल हुआ और JCCJ की टिकट पर चुनाव जीते देवव्रत सिंह ने पार्टी बदल दी और खैरागढ़ उपचुनाव के मुहाने पर चला गया, जब वोट पड़े तो JCCJ गायब हो गई और यहां से कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने कोमल जंघेल को हरा दिया। अब उस आधार पर यह सीट भाजपा के बजाये कांग्रेस के पाले में गिरती नजर आ रही है।

2013 के आंकड़े :

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर BJP को निराशा हाथ लगी थी, इस बार कोमल जंघेल कांग्रेस के गिरवर जंघेल से हार गईं, उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी ने 2190 वोटो से परास्त कर दिया, हालांकि, इसके बाद भी बीजेपी ने अपना प्रत्याशी नहीं बदला, और अपना जोर लगाये रखा।

अब इस वर्ष होने वाले चुनाव में यहाँ क्या होगा , यह आने वाला समय ही बात पायेगा, यहाँ वोटों का ध्रुवीकरण संभव नहीं है।