मंदसौर (म. प्र.) : श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए व सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मारकंडे ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी,जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे। पुरुषोत्तम श्रावण मास के द्वितीय सोमवार और सोमवती, हरियाली अमावस्या के अवसर पर सुबह 6 बजे सिंधी हिंदू समाज की प्रमुख धर्मपीठ श्री प्रेमप्रकाश आश्रम में अष्टमुखी भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव की अष्टधातु प्रतिमा का पंडित उमेश जोशी (शास्त्री) ने पूजा व अभिषेक करवाया गया। कविता राजकुमार पमनानी और परिवार ने रूद्र अभिषेक किया।
सेवा मंडली के अध्यक्ष पुरूषोत्तम शिवानी ने बताया कि सावन सोमवार व हरियाली अमावस्या साथ-साथ होने से शिव भक्तों में अधिक उत्साह रहता है। जयकारों के साथ पंचामृत, महारुद्राभिषेक किया। अभिषेक के बाद भगवान पशुपतिनाथ महादेव की प्रतिमा का मनमोहक श्रृंगार किया और आरती की। यह भगवान की आराधना विधि – विधान के साथ की जाती है, भगवान शिव को श्रावण मास समर्पित होता है।
इस अवसर पर कविता पमनानी, देवी फतनानी, रेखा उत्तवानी, कुंती पमनानी, दिव्या शिवानी, हीना बालानी, ममता संगतानी, माया बिजानी, कुन्ती पमनानी, मोहन नंदवानी आदि भक्तों ने अभिषेक किया। भगवान श्री भोलेनाथ, श्री लक्ष्मीनारायण, आचार्य सतगुरू स्वामी टेऊंरामजी महाराज, सर्वानन्दजी महाराज, शांतिप्रकाशजी महाराज एवं हरिदासरामजी महाराज की आरती की।
पौधे रोपकर लिया हरियाली का संकल्प :
इस अवसर पर भावसार विद्या मंदिर खानपुरा में हरियाली अमावस्या के दिन शिक्षक-शिक्षिकाओं व छात्र-छात्राओं ने पौधारोपण कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाई। इस अवसर पर विद्यालय संचालक रवि भावसार ने कहा कि पौधे अपने लिए कुछ नहीं रखते, उनसे जो भी प्राप्त होता है, उससे समाज और पर्यावरण के लाभ जुड़े हैं। सभी को इस मौसम में संकल्प लेकर पौधरोपण जरूर करना चाहिए। हरियाली का मुख्यतः यही मतलब है की इस दिन नये पेड़ पौधे रोप जायें और अगले वर्ष तक उनकी देखभाल की जाये।