मन्नत पूरी होने पर मुस्लिम युवक ने किया देवघर में जलाभिषेक, भगवा कपड़े पहन व तिलक लगाकर निकाली पैदल यात्रा।

नरकटियागंज (बिहार) : जब भी किसी पर कोई मुसीबत आती है तो व्यक्ति अपने आराध्य को जरूर याद करता है और मुश्किल से मुक्ति पाने की दुआ करता है। ऐसे में जब एक मुस्लिम समुदाय के एक सामाजिक कार्यकर्ता औरंगजेब अहमद के बेटे को गंभीर बीमारी हो गई और तमाम डॉक्टरों ने जवाब दे दिया और दवाओं ने भी असर दिखाना बंद कर दिया तो आखिरकार औरंगजेब ने देवघर जाकर बाबा से मन्नत मांगी, जो कि पूरी हो गई। मन्नत पूरी हुई तो औरंगजेब अहमद ने हाल ही में सुल्तानगंज से देवघर तक पैदल यात्रा निकाली और महादेव पर जल अर्पित कर अपनी आस्था जताई। उन्होंने ख़ुशी जताई कि महादेव ने उन्हें मुसीबत से बाहर निकाला।

तरहरवा गांव के रहने वाले हैं औरंगजेब :

औरंगजेब अहमद बिहार के नरकटियागंज प्रखंड की भसुरारी पंचायत में तरहरवा गांव के रहने वाले हैं। औरंगजेब अहमद हाल ही में तब चर्चा में आ गए, जब सावन में उन्होंने भगवान शिव की न केवल पूजा अर्चना की है, बल्कि भगवा वस्त्र पहनकर बोल बम का नारा लगाते हुए पैदल यात्रा भी निकाली। औरंगजेब ने बिहार के सुल्तानगंज से झारखंड के देवघर ज्योतिर्लिंग तक पैदल यात्रा की और बैद्यनाथ धाम पहुंचकर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। किसी मुस्लिम द्वारा महादेव की पूजा को लेकर लोगों में कौतुहल मचा रहा।

औरंगजेब के बेटे को थी दिल की बीमारी :

जानकारी मिली कि औरंगजेब अहमद के मुताबिक, उनका 10 साल का बेटा दिल की बीमारी से जूझ रहा था। कई जगह इलाज कराने के बाद भी आराम नहीं मिला था। कई डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी, लेकिन कोई भी ऑपरेशन के बाद भी ठीक होने की गारंटी नहीं ले रहा था। आखिरकार गुजरात के अहमदाबाद स्थित सत्य साईं अस्पताल में ऑपरेशन कराने पहुंचा। अस्पताल में स्थित शिव मंदिर में मन्नत मांगी कि यदि बेटा ठीक हो जाएगा तो देवघर में जलाभिषेक करने जरूर जायेगा। बच्चे का ऑपरेशन सफल रहा और उसका बेटा अब पूरी तरह स्वस्थ हो गया है। इससे औरंगजेब काफी खुश है।

मन्नत पूरी हुई तो आया देवघर :

औरंगजेब का कहना है कि भगवान भोलेनाथ ने मेरी मन्नत पूरी की है। मन्नत पूरी होने पर मेरी भगवान शिव के प्रति आस्था बढ़ गई है। अब सावन माह में औरंगजेब ने देवघर जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। औरंगजेब ने सुल्तानगंज से जल भरा और फिर पैदल यात्राकर बाबाधाम पहुंचा और पूजा की। वो बाबाधाम पहुंचकर भाव विभोर हो गये और उन्होंने अपनी पूजा पूर्ण की।