सेक्सटार्शन के केस में फंस रहे अविवाहित, गंवा रहे लाखों रुपये, साइबर फ्राड के प्रकरणों की जांच जारी।

रायपुर : तकनीक की कम जानकारी और जागरूकता की कमी के चलते लोग लगातार साईबर क्राईम के शिकार हो रहे है, प्रदेश में साईबर ठगी के केस बढ़ने और प्रकरणों की समीक्षा करने के बाद कुछ तथ्य बाहर आए हैं। इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों को सेक्सटार्शन के केस में फंसाया जा रहा है, जिसमें धोखेबाज सबसे ज्यादा अविवाहित पुरुषों को टारगेट कर रहे हैं। इनका डाटा सोशल मीडिया के जरिए ही चुराया जा रहा है। इसके बाद लिंक भेजकर गिरोह डरा-धमकाकर वसूली कर रहे हैं। दूसरी तरफ आर्थिक धोखाधड़ी के मामले में 75 फीसदी बेरोजगार युवा हर साल ठगी के शिकार हो रहे हैं। सामने आए दो हजार प्रकरणों में ठगों ने रोजगार दिलाने और दूसरी तरह की स्कीमें बताकर ठगी को अंजाम दिया है। आम लोग लगातार इन ठगबाजों के शिकार हो रहे है।

जानकारी के मुताबिक हाल ही में पीएचक्यू स्टेट साइबर थाने में डाटा तैयार किया गया है। इस डाटा के अनुसार हर महीने औसतन चार से पांच मामले सेक्टसटार्शन के पहुंच रहे हैं। इसमें ठगों ने अविवाहित लोगों को झांसे में लेकर उनसे उगाही की है। लाखों रुपये की डिमांड करने के बाद मामला थाने तक पहुंचा है। साईबर ठगी में फाइनेंशियल ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए ठग अब बेरोजगार युवकों को निशाने पर ले रहे हैं। अभी तक स्टेट साइबर थाने में दो हजार से ज्यादा प्रकरण पहुंचे हैं, जिसमें फाइनेंशियल ठगी में 75 फीसदी बेरोजगार युवा इसके शिकार हुए हैं। शिकायतों के आधार पर अब बारी-बारी से ठगों के फोन नंबरों की जांच कर कार्यवाही लगातार चल रही है। लोग तरह – तरह के धोखे के शिकार हो रहे है।

पढ़े-लिखे लोग भी लगातार झांसे में आ रहे है :

ठगी की जितनी घटनायें सामने आई हैं, उनमें ठगों ने पढ़े-लिखे लोगों को अपना शिकार बनाया है। जो लोग सोशल मीडिया में सक्रिय रहते हैं, उनकी पोस्ट और बायोडाटा लेकर ठगों ने उन्हें अपने झांसे में लिया है। तीन साल पहले तक ज्यादातर किसानों या फिर रिटायर्ड कर्मचारियों से ठगी की वारदात हो रही थी, लेकिन हाल में अब ट्रेंड बदल चुका है। अब कालेज पढ़ने वाले या फिर नौकरीपेशा लोगों का बायोडाटा लेकर उन्हें ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। इसमें भी कई युवा ठगी के शिकार हो चुके है।

सेक्सटार्शन में कइयों ने गंवाई रकम :

पुलिस के पास कई लोगों ने सेक्सटार्शन के मामले में भले ही कम केस दर्ज कराए हैं, लेकिन साईबर ठगों से आगे की रिकवरी के लिए हाथ पीछे खींच लिए हैं। बदनामी के डर से ज्यादातर लोगों ने केस ही वापस ले लिया है। सेक्सटार्शन केस में ज्यादातर कारोबारी या फिर अधिकारी वर्ग के लोग भी शिकार हुए हैं, इन्होंने अपने मामलों में केस दर्ज कराने के बाद शिकायत वापस ले ली है। इसमें लोगों को बदनामी का डर होता है, जिसके कारण पीड़ित केस से किनारा कर लेता है।

इस तरह फंस रहे बुजुर्ग और युवा :

पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आरोपी फेसबुक के जरिए अपने शिकार को चुनते हैं। उससे पहले बातचीत करते हैं और फिर लड़की बनकर मैसेज भेजते हैं। इसके बाद पीड़ित फेसबुक यूजर को वीडियो कॉल पर आने को कहा जाता है। गैंग मेंबर पीड़ित को एक वीडियो दिखाते हैं, जो पहले से उनके फोन में होती है और पीड़ित को ऐसा प्रतीत करवाया जाता है कि यह रियल वीडियो काल है। वाट्सएप के जरिए पीड़ित से बात करते हैं। पीड़ित को लगता है कि वह वास्तव में लड़कियों से लाईव बात कर रहा है। स्क्रीन पर उसका वीडियो रिकार्ड हो जाता है। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो को प्रसारित करने की धमकी देकर पीड़ित व्यक्ति से वसूली की जाती है और अकाउंट में पैसे डलवाए जाते हैं। इस घटना को अंजाम देने के लिये ठग मोबाईल स्क्रीन रिकॉर्डर से विडियो कॉल रिकॉर्ड कर लेते है और फिर ब्लैकमेल करते है।

जानिए कैसे बचें गिरोह के चंगुल से :

  • युवती की डीपी लगे अनजान नंबर से वाट्सएप काल आए तो उसे नजरअंदाज करें।
  • अगर कोई जाल में फंस जाए तो उसका अश्लील वीडियो बनाने का दावा कर युवती ब्लैकमेल करे तो पुलिस से संपर्क करें।
  • आत्मघाती कदम न उठाएं, वीडियो कहीं भी वायरल नहीं होगा, और ना ही आपको कोई दिक्कत आयेगी बल्कि विडियो वायरल करने पर उनको भी फंसने का डर होता है।
  • हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल करें।
  • नजदीकी पुलिस थाने, साईबर सेल में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
  • अगर उपरोक्त में से कोई भी चीज ना करना चाहें तो ठग को सिर्फ इतना ही कहें जो करना है कर ले, उसके बाद वो कुछ भी नहीं कर सकते आपको डराने और धमकाने के अलावा , बाद में वो खुद ही आपका पीछा छोड़ देते है।