ज्ञानवापी के बोर्ड पर लगाया गया ‘मंदिर’ का पोस्टर, जांच में तथ्य सामने आने पर पुलिस करेगी कार्यवाही। अब तक सामने आई ये घटना….।

वाराणसी (उ.प्र.) :  मंदिर-मस्जिद विवाद देश में काफी लम्बे समय से चल रहा है, मुगलों के समय से कई मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाने की बातें सामने आई, वहीँ इसी प्रकार का मुद्दा राम मंदिर और बाबरी से जुड़ा हुआ रहा, जहाँ लम्बी क़ानूनी लड़ाई के बाद फैसला आया है, वहीँ हिन्दुओं की मांग भगवान शिव के मंदिर ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण के मंदिर को लेकर है। ज्ञानवापी मंदिर में अब जब पूजा करने का अधिकार मिल चूका है, तो उसके बाद वाराणसी में राष्ट्रीय हिन्दू दल संगठन ने सड़कों पर पटाखे फोड़कर और एक दुसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाकर बधाइयां दीं। इस मौके पर राष्ट्रीय हिन्दू दल संगठन के अध्यक्ष रोशन पाण्डेय ने कहा कि अयोध्या के बाद ये हम हिन्दूओं की दूसरी सबसे बड़ी जीत है और इसी तरह जल्दी ही हम हिन्दूओं को मथुरा में भी विजय मिलेगी। इसी बीच राष्ट्रीय हिन्दू दल संगठन ने पर्यटन विभाग द्वारा लगाए गए साइन बोर्ड पर खुद से मस्जिद की जगह ‘मंदिर’ लिखा हुआ पोस्टर लगा दिया है, जिसको लेकर बवाल मचने को लेकर पुलिस सवाधानी बरत रही है।

राष्ट्रीय हिन्दू दल संगठन ने लगाया ‘मंदिर’ का पोस्टर :

जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय हिन्दू दल संगठन द्वारा जिला प्रशासन व पर्यटन निदेशालय से मस्जिद लिखा हुआ साइन बोर्ड हटाने की मांग की गई थी, लेकिन इसी बीच सनातन व्यास के नाती शैलेन्द्र पाठक की याचिका पर जिला जज ने फैसला सुनाते हुए ज्ञानवापी में पूजा का अधिकार देने का डीएम को निर्देश दिया है। अब खबर आई है कि राष्ट्रीय हिन्दू दल संगठन ने पर्यटन विभाग के बोर्ड पर लिखे मस्जिद पर ‘मंदिर’ का पोस्टर चिपका दिया है। ज्ञानवापी के विवाद के बीच जब हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने बांसफाटक माला मंडी के सामने लगे पर्यटन विभाग के बोर्ड पर मंदिर लिख दिया तो इसकी खबर चौक थाना प्रभारी को हुई। इस मामले की खबर लगते ही पुलिस ने इसे तत्काल इसे हटवाया। वहीं इस मामले में वीडियो के आधार पर संबंधित लोगों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में कठोर कार्यवाही की जाएगी।

अदालत के आदेश देने के बाद ज्ञानवापी के तहखाना में पूजा हुई शुरू :

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गौरतलब है कि वाराणसी जिला अदालत द्वारा हिंदू समुदाय को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दिये जाने के चंद घंटों बाद बुधवार देर रात तहखाने को खोलकर उसमें पूजा की गई। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने बताया कि रात करीब साढ़े 10 बजे 31 साल बाद व्यास जी का तहखाना पूजा-पाठ के लिये खोला गया और उसकी साफ-सफाई कराई गई। इस सवाल पर कि क्या तहखाने में पूजा शुरू हो गई है, उन्होंने कहा, ‘‘हां।’’ पांडेय ने कहा, ‘‘जैसा कि न्यायालय का आदेश था, उसका पालन करना भी जरूरी था तो जिला प्रशासन ने बड़ी मुस्तैदी के साथ सारी व्यवस्था कर दी है। मुझे लगता है कि और जो भी कमी रह गई है उसे धीरे-धीरे पूरा कर लिया जाएगा।’’ वहीँ इस मामले में मस्जिद पक्ष ने कोर्ट में पूजा की अनुमति के खिलाफ याचिका दायर की , जिस पर कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया।

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