अंतर्राष्ट्रीय : पूरी दुनिया में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों को लेकर वैज्ञानिक चिंतित होते रहते है, जनसँख्या बढ़ने से इनके दोहन में बढ़ोत्तरी होने से पृथ्वी का परिस्थितिक संतुलन बिगड़ जाता है। वहीँ अब पूरी दुनिया सबसे ज्यादा आब्दी वाला देश भारत बन चूका है। भारत में आखिरी जनगणना 2011 में की गई थी। उस समय भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा आबादी वाला देश था और देश की जनसंख्या 121 करोड़ थी। अब भारत की ताजा जनसंख्या पर यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड (UNFPA) ने रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन गया है। भारत की आबादी 144 करोड़ हो गई है। इसमें 24 फीसदी आबादी 0 से 14 साल से कम उम्र की है। भारत की आबादी 1990 में लगभग 70 करोड़ थी, जो मात्र तीस सालों में दुगुनी हो चुकी है।
इस रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि भारत की आबादी आने वाले 77 सालों में दोगुनी हो जाएगी। रिपोर्ट में जनसंख्या के साथ-साथ नवजात बच्चों की मौत, महिलाओं और LGBTQ की स्थिति आदी के बारे में भी डेटा दिया गया है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत में मातृ मृत्यु में काफी भारी गिरावट आई है। वैश्विक आबादी इस समय 800 करोड़ से ज्यादा है, जो की प्राकृतिक संतुलन के लिये खतरा है। इस आबादी के रोजमर्रा के कार्यों से जो कचरा निकल रहा है वह काफी ज्यादा मात्रा में है, जिसका निपटारा आसान नही है।
किस आयु के कितने लोग? :
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UN की इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 144.17 करोड़ आबादी में 24 फीसदी आबादी 0-14 साल की है, जबकि 17 फीसदी आबादी 10-19 साल के अंदर है। इतना ही नहीं, 10-24 साल वाले भी भारत में 26 फीसदी हैं, जबकि 15-64 आयु वर्ग के सबसे ज्यादा 68 फीसदी हैं। इसके अलावा भारत की 7 फीसदी जनसंख्या 65 साल और उससे ज्यादा उम्र की है, जिसमें पुरुषों की जीवन प्रत्याशा 71 साल और महिलाओं की 74 साल है।



