6 दशक पुरानी ‘नीली मस्जिद’ को जर्मनी में किया गया बैन, सामने आई ये खास जानकारी….।

बर्लिन (जर्मनी) : जर्मन पुलिस ने शिया इस्लामी संगठन पर कार्यवाही करते हुए देश में 50 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही ‘इस्लामिक सेंटर हैम्बर्ग’ (IZH) नाम के संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है। छापेमारी भी इस्लामिक सेंटर हैम्बर्ग से जुड़े ठिकानों पर की ही गई है। जर्मनी के आंतरिक मामलों की मंत्री नैंसी फैजर ने अपने बयान में कहा कि प्रतिबंध के तहत चार शिया मस्जिदों को बंद किया गया है। जर्मन पुलिस ने इस कार्यवाही में 6 दशक पुरानी शिया मस्जिद को भी बंद कर दिया है, इस मस्जिद को इमाम अली मस्जिद और ब्लू मस्जिद के नाम से जाना जाता है। लगभग 60 वर्ष से ज्यादा पुराणी यह मस्जिद बताई गई है।

जर्मन अधिकारियों के मुताबिक इस्लामिक सेंटर हैम्बर्ग ईरान के प्रॉक्सी ग्रुप हिजबुल्लाह से जुड़ा हुआ है। IZH पर आरोप है कि वे जर्मन में कट्टरवाद को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। संगठन पर जर्मन के मुसलमानों में यहूदी विरोध की भावना को बढ़ाने का भी आरोप लगा है। इस मामले को लेकर बताया गया कि मुस्लिम कट्टरवाद लगातार बढ़ रहा है, जिसको लेकर प्रशासनिक अमला अब IZH पर अपनी कसावट बढ़ा रहा है। जर्मनी ने 2020 में हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन घोषित किया था और उससे जुड़े लोगों पर देश में पाबंदी लगा दी थी।

ईरान के आदेश पर करता था काम :

मामले को लेकर जर्मनी के आंतरिक मंत्रालय ने बताया है कि IZH एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है, जिसके मकसद खतरनाक और असंवैधानिक हैं। मंत्रालय के मुताबिक IZH ईरान के प्रतिनिधि के तौर पर जर्मन में काम करता है और ईरान की इस्लामिक क्रांति की विचारधारा को एक आक्रामक और हिंसक तरीके से फैला रहा है और वह जर्मनी में भी ऐसी ही एक क्रांति लाना चाहता है।” जर्मनी के भविष्य को इससे खतरा भी बताया है।

सावन में महत्वपूर्ण महामृत्युंजय मन्त्र, इसकी उत्पत्ति की कथा और महत्व के साथ , पूर्ण सुनना आवश्यक है : https://www.youtube.com/watch?v=L0RW9wbV1fA

IZH को जर्मनी में तेहरान के एक प्रोपेगैंडा सेंटर के रूप में देखा जा रहा है। खबरों के मुताबिक जर्मन की खुफिया एजेंसी 1990 से इस संगठन पर नजर बनाए हुए हैं। इससे पहले नवंबर 2023 में भी सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पूरे देश में इससे जुड़े करीब 50 जगहों पर छापा मारा था। उस समय हैम्बर्ग में ब्लू मॉस्क की भी तलाशी ली गई थी, लेकिन इसको बंद करने का आदेश नहीं दिया था। हालांकि खुद पर लगे आरोपों को IZH ने खारिज किया है और खुद को ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से इंकार किया है। वहीँ दूसरी तरफ जर्मनी की सरकार इस पर लगातार कार्यवाही कर रही है। जर्मनी की सरकार ने इसको लेकर इस्लामिक कट्टरवाद की बात भी कही है।

60 साल से ज्यादा पुरानी है मस्जिद :

महामृत्युंजय मन्त्र का 108 बार जप करें और अपने भाग्य का उदय करें , रोज सुबह जरुर सुनें , लिंक पर क्लिक करें: https://www.youtube.com/watch?v=wHhFeD-PXdc&t=65s

हैम्बर्ग की ब्लू मॉस्क इस कार्यवाही का केंद्र रही है। इस्लामिक सेंटर हैम्बर्ग इसी मस्जिद में मौजूद है और अपनी कार्यवाहियों की रूपरेखा यहीं से तैयार करता था। जर्मनी की ब्लू मॉस्क को 1953 में बनाने का फैसला किया गया था, जब कुछ ईरानियन मूल के शिया लोगों ने अपने धार्मिक सेंटर खोलने का फैसला किया। उस समय के ईरान शिया लीडर अयातुल्ला सैय्यद हुसैन बोरुजेर्डी को मदद के लिए एक पत्र भेजा गया था। अयातुल्ला ने सेंटर बनाने पर सहमति जताई और सेंटर को 1 लाख रियाल दान किए गये। इसका काम 1960 में शुरू हुआ और 1965 तक यह पूरी तरह बनकर तैयार हुई। 1971 की क्रांति में भी इस सेंटर ने वेस्ट में रह रहे ईरानी युवाओं को तात्कालीन शाह सरकार के खिलाफ एकजुट किया था। अब इस मस्जिद को गिरा दिया गया है।

ईरान सरकार ने कार्यवाही का किया विरोध? :

सब्सक्राईब करें हमारा यूट्यूब चैनल :  https://www.youtube.com/@MachisMediaNews/

ईरान सरकार ने इस्लामिक सेंटर बंद करने पर तेहरान में जर्मन के दूत को तलब कर इसका विरोध दर्ज कराया। ईरान के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उसने हिजबुल्लाह को कथित समर्थन और ईरान से संबंधों के कारण हैम्बर्ग में एक इस्लामिक केंद्र को बंद करने के बाद जर्मन राजदूत को तलब किया है। इस मस्जिद को लेकर जर्मन सरकार ने ईरान के साथ कनेक्शन बताया है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने जर्मनी की इस कार्यवाही की निंदा की है और कहा कि यह मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन है। बयान में कहा गया है कि दुर्भाग्य से, आज जर्मनी में जो हुआ वह इस्लामोफोबिया और अब्राहमिक शिक्षाओं के साथ टकराव का एक साफ उदाहरण है। वहीँ जवाब में जर्मन अधिकारी ने जर्मनी के लिये इसे लेकर इस्लामिक कट्टरवाद को जर्मनी के हानिकारक बताया।