रायपुर : स्वाइन फ्लू के कहर से कोरिया जिले के एक वृद्ध मरीज की अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू से यह सातवीं मौत है। कोरिया जिले के ग्राम कटोरा निवासी उमाशंकर सोनी (83) की तबियत बिगड़ने पर 16 अगस्त को पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया गया था। फिर यहां से उसे रायपुर के एमएमआई अस्पताल रेफर कर दिया गया था। यहां जांच में 17 अगस्त को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू ने स्वास्थ विभाग की चिंता बढ़ा दी है। बीमारी से विगत 15 दिनों में छह लोगों की मौत हुई है। इसमें बिलासपुर के चार तथा राजनांदगांव के दो शामिल हैं। माहभर में 60 से ज्यादा केस सामने आए हैं। इसमें रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव के मरीज शामिल हैं।स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी के बढ़ते मामले को देखते हुए अलर्ट जारी किया है।
रायपुर में जुलाई में आया था स्वाइन फ्लू का पहला केस :
रायपुर मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बॉयोलाजी विभाग में सप्ताहभर में 35 से ज्यादा सैंपलों की जांच हुई है। इसमें तीन की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। लैब में प्रतिदिन पांच से छह सैंपलों की जांच हो रही है। राजधानी में स्वाइन फ्लू का पहला केस जुलाई के पहले सप्ताह में आया था। कांकेर का मरीज निजी अस्पताल में भर्ती था। उसे इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण आते ही तत्काल जांच कराएं। इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है। बिलासपुर और राजनांदगांव में जिन मरीजों की मौत हुई है, वे काफी विलंब से अस्पताल पहुंचे थे।
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सर्दी, खांसी और कफ के साथ तेज बुखार से पीड़ितों का स्वाइन फ्लू टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना काल में बने आइसोलेशन वार्डों को फिर से तैयार किया गया है। लक्षण नजर आते ही लोग तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं। स्टोर में पर्याप्त मात्रा में टैमी फ्लू, एन-95 मास्क उपलब्ध हैं।
ध्यान रखें इन बातों का :
- खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को टिशू से ढकें। इस्तेमाल करने के कूड़ेदान में फेंक दें।
- हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं, विशेष रूप से खांसने या छींकने के बाद।
- अपने आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें। रोगाणु इसी तरह फैलते हैं।
- लक्षण नजर आते ही अस्पताल में जाकर जांच कराएं, बीमार लोगों के संपर्क में जाने से बचें।
हवा से फैलती है बीमारी :
स्वाइन फ्लू एक संक्रमण है, जो एक प्रकार के फ्लू (इन्फ्लूएंजा) वायरस के कारण होता है। इन्फ्लूएंजा से पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, इसलिए मरीजों को भर्ती करने के लिए आइसोलेशन वार्ड की जरूरत पड़ती है। इलाज करने वाले डॉक्टरों को एन-95 मास्क लगाना पड़ता है।
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बिलासपुर में स्वाइन फ्लू के 3 और डेंगू के भी 2 मरीज मिले :
वहीं बिलासपुर में डायरिया, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, कोरोना के बाद अब डेंगू ने भी दस्तक दे दिया है। रविवार को तिफरा, तेलीपारा व मस्तूरी क्षेत्र में स्वाइन फ्लू एक-एक संक्रमित मिला कर कुल तीन नए मरीज मिले। सभी को सिम्स में भर्ती कराया गया है। इधर कोटा ब्लाक में मलेरिया का प्रकोप तो था ही रविवार को डेंगू के दो मरीज मिल गए हैं।इसमें एक मरीज को अपोलो तो दूसरे को शहर के एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने मितानिन समेत अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अलर्ट करते हुए डोर-टु-डोर सर्वे के निर्देश दिए हैं। बता दें कि शनिवार को कोरोना के दो पॉजिटिव मिले थे।



