बालोद : छ.ग. में भोले-भाले आदिवासियों का धर्मान्तरण अपने चरम पर है, उन्हें बहला-फुसलाकर लगातार धर्मान्तरण करवाया जा रहा है। ऐसे ही बालोद जिले में प्रार्थना सभा की आड़ में भोले-भाले ग्रामीणों का धर्मांतरण कराने और ग्रामीणों से विवाद करने वाले पास्टर के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्यवाही की है। मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार अर्जुंदा नगर के पास स्थित ग्राम मनकी में रविवार को एक प्रार्थना सभा के दौरान तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जब एक पास्टर और ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया। यह विवाद तब बढ़ा जब पास्टर ने ग्रामीणों से गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। इस घटना ने ग्रामीणों को आक्रोशित कर दिया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए आरोपी पास्टर को गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पास्टर ग्रामीणों को प्रार्थना सभा के लिए इकठ्ठा कर रहा था :
मामले में ग्राम मनकी में कोटवार के घर पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा में पास्टर राकेश निर्मलकर, जो कई हफ्तों से मनकी और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय था, वह वहां पर पहुंचा था। यह व्यक्ति पिछले कुछ समय से ग्रामीणों को प्रार्थना सभा के लिए एकत्रित कर रहा था, जिससे गांव के कुछ लोगों में असंतोष पनप रहा था, कुछ लोग उसके बहकावे में आ रहे थे।
रविवार को भी आयोजित इस सभा के दौरान, पास्टर और ग्रामीणों के बीच काफी वाद-विवाद हो गया। स्थिति तब बिगड़ी जब पास्टर ने ग्रामीणों से गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने इस पर विरोध जताते हुए तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पास्टर राकेश निर्मलकर को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पास्टर के इस कृत्य से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश पनपा, जिसके कारण क्षेत्र का माहौल ख़राब हुआ।
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घटना को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि राकेश निर्मलकर, जो पास्टर के रूप में कार्य कर रहा था, वह लगातार गांव में आकर प्रार्थना सभाओं का आयोजन कर रहा था और पास्टर प्रार्थना सभी की आड़ में धर्मांतरण की बात कहने लगा। इसके बावजूद, गांव के सरपंच और अन्य वरिष्ठों द्वारा उसे समझाने के प्रयास असफल रहे, और आखिरकार स्थिति विवाद में बदल गई, जिसके बाद काफी बवाल हुआ। ऐसे ही कई बार मतान्तरित व्यक्ति को दफ़नाने और जलाने के नाम पर कई बार बवाल भी हो चुका है।
पास्टर राकेश निर्मलकर के खिलाफ हुई कार्यवाही :
अर्जुंदा थाना प्रभारी मनीष शेन्द्रे ने बताया कि इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पास्टर राकेश निर्मलकर के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत धारा 170 के तहत कार्यवाही की गई है, जिसे शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया गया है। वहीँ धर्मान्तरण को लेकर किसी कार्यवाही की जानकारी सामने नहीं आई है। राज्य में धर्मांतरण को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों लगातार ख़बरें सामने आती रहती है, जहाँ भोले भले ग्रामीणों को किसी ना किसी प्रकार का प्रलोभन देकर मतांतरित करवाया जाता है।
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