तेहरान (ईरान) : इजराइल से निपटना किसी भी मुस्लिम देश के बस में नहीं है, लेकिन सिर्फ ईरान ही एक ऐसा देश है, जो इजराइल पर भारी पड़ सकता है, लेकिन उसकी मुख्य कमजोरी है उसकी खुद की रक्षा प्रणाली, लगभग दो सप्ताह पहले हिजबुल्लाह के लड़ाकों को पेजर बम से इजराइल ने घायल किया था, उसमें भी यह काम इजराइल दो साल बाद करने वाला था, लेकिन हिजबुल्लाह के लड़ाकों को पेजरों पर शक होने लगा जिसकी जानकारी उन्होंने अपने तकनिकी हेड को दी, जिसके बाद उस तकनिकी हेड ने इजराइल को जल्द ही पेजर ब्लास्ट करने के लिये कहा, असल में वो मोसाद का ही आदमी था।
वहीँ ईरान ने इजराइल पर हमला करके बड़ी मुसीबत मोल ले ली है। इधर मौके की फ़िराक में बैठा इजरायल गाजा से लेकर लेबनान तक भारी बमबारी कर रहा है। पिछले महीने इजरायली बमबारी में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह मारे गए थे। इससे पहले भी ईरान की राजधानी तेहरान में हमास प्रमुख की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद ईरान ने इजरायल पर 181 से ज्यादा मिसाइलों से हमला किया था। इसके बाद से ही मध्य पूर्व में काफी तनाव है। इजरायल कभी भी ईरान पर हमला कर सकता है। हनिया और हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे थे कि आखिर इजरायल को हानिया और नसरल्लाह की गुप्त जगहों की जानकारी कैसे मिली? इसी सवाल का जवाब खोलता है इजराइल के मोसाद के काम करने का ख़ुफ़िया तरीका।
ईरानी अधिकारी ही हैं मोसाद के जासूस :
इधर बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद सुप्रीम लीडर की शक सुई IRGC की कुद्स फोर्स के चीफ ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी की तरफ घूम गई है। जिसके बाद सुप्रीम लीडर के आदेश के बाद IRGC की कुद्स फोर्स के चीफ को हाउस गिरफ्तार कर लिया गया है। ईरान में कहा जा रहा है कि शायद उन्होंने इजराइल की मदद करके विश्वासघात किया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि ईरान के कई बड़े अधिकारी मोसाद के जासूस हैं।
ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी से पूछताछ :
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 67 साल ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी को हाउस गिरफ्तार कर नजरबंद किया गया है। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह की मौत के सिलसिले में उनसे पूछताछ की जा रही है. यह जांच ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की निगरानी में की जा रही है। हसन नसरल्लाह की मौत के बाद से कानी को सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है और उनकी टीम पर भी सवाल उठ रहे थे। आखिर इस मामले को इजराइल ने कैसे अंजाम दिया है? इस मामले से साफ़ हो रहा है, सभी जगह मोसाद के जासूस तह तक घुसे हुये है, जिन्हें पकड़ना तो दूर पहचानना भी मुश्किल है।
कहा हैं कानी :
गौरतलब है कि हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह की मौत के बाद इस्माइल कानी और आईआरजीसी के दूसरे कमांडर लेबनान पहुंच गए थे। इसके 4 दिन बाद ही हसन नसरुल्लाह के उत्तराधिकारी सैफुद्दीन की भी इजरायली हमले में मौत हो गई थी। इसके बाद से ही कानी से संपर्क नहीं हो पाया था। हालांकि बाद में ईरानी फौज ने बताया कि कानी ठीक हैं और वह अपनी नियमित ड्यटी कर रहे हैं। इसके साथ ही IRGC ने कहा था कि सुप्रीम लीडर के आदेश के बाद उनसे पूछताछ की जा रही है। जांच पूरी होने तक उन्हें नजरबंद रखा जायेगा।
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