रायपुर : घोटालेबाजों पर ईडी , आई टी सहित विभिन्न केन्द्रियों एजेंसियों की छापेमारी लगातार जारी है। जिनपर छापेमारी हो रही है, उनका कनेक्शन कांग्रेस से ही सामने आ रहा है। वहीँ अब फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छत्तीसगढ़ और झारखंड में शराब घोटाले के सिलसिले में एक साथ छापेमारी की है। इस कार्यवाही के तहत रायपुर स्थित होटल कारोबारी अनिल राठौर के घर पर मंगलवार की सुबह छापा मारा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, ईडी की टीम रायपुर के होटल कारोबारी अनिल राठौर के ठिकाने पर पहुंची और जांच शुरू की। माना जा रहा है कि राठौर के होटल में झारखंड की शराब नीति में बदलाव की साजिश रची गई थी। इस मामले में ईडी की टीम ने रांची में झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारियों और उनके करीबी रिश्तेदारों के सीए के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है। आपको बता दें कि राज्य में शराब घोटाला 2000 करोड़ रूपये भी ज्यादा का निकला है।
जानकारी के मुताबिक, झारखंड में हुए शराब घोटाले की नीति रायपुर में बैठकर तय की गई थी। ऐसे में आबकारी विभाग के वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की संभावनाएं भी सामने आ रही हैं। यह छापेमारी उन सबूतों के आधार पर की गई है। वहीँ कई लोग इसकी जद में पहले से ही आ चुके है।
ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले में सात लोगों को बनाया आरोपी :
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रायपुर की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने इस मामले में अपनी प्राथमिकी में अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह सहित सात लोगों को आरोपी बताया है। इन पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों में झारखंड के उत्पाद विभाग के दो अधिकारी भी शामिल हैं, और इनमें से कई वर्तमान में छत्तीसगढ़ में हुए 2200 करोड़ रुपये के घोटाले में जेल में बंद हैं। इस मामले को लेकर लगातार कार्यवाहियां जारी है।
ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी के अनुसार, दिसंबर 2022 में झारखंड की शराब नीति में बदलाव के लिए एक बैठक रायपुर में अनवर ढेबर के ठिकाने पर आयोजित की गई थी। इस बैठक में एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह और झारखंड के उत्पाद अधिकारी भी मौजूद थे। नीति में बदलाव करने के पीछे सुमित कंपनी को फायदा दिलाना बताया गया है। इससे करोड़ों रुपये का सरकार का नुकसान हुआ है। यही कंपनी छत्तीसगढ़ में भी शराब ठेके का काम कर रही थी। वहीँ इन पर यूपी में भी मामला दर्ज है। गौरतलब है कि झारखंड में भी छत्तीसगढ़ मॉडल पर मई 2022 से शराब की बिक्री हो रही थी। इनमें छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी को सलाहकार नियुक्त किया गया था।
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