नई दिल्ली : शेयर बाज़ार में आज बड़ी गिरावट सामने आई है, वहीँ राष्ट्रीय राजधानी में सोने और चांदी की कीमतों में भी बड़ी गिरावट आई है। सोना 1,650 रुपये की गिरावट के साथ 80,000 रुपये के स्तर से नीचे आ गया है। चांदी भी 2,900 रुपये प्रति किलो सस्ती हो गई है। अखिल भारतीय सराफा संघ के अनुसार, सोने का भाव आज 1,650 रुपये गिरकर 79,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। पिछले दिन इसका भाव 81,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। सामने आई खबर के अनुसार, चांदी भी 2,900 रुपये गिरकर 93,800 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। बुधवार को इसका भाव 96,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रहा था। कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण विदेशों में कमजोर रुख के बीच स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग है। औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की तरफ से कमजोर उठान के कारण चांदी की कीमत भी गिर गई है।
कैसा रहा वायदा बाजार :
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में दिसंबर डिलीवरी के लिए सोने के अनुबंध 76,655 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर कारोबार कर रहे हैं। हालांकि, दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी के अनुबंध 9 रुपये या 0.01 फीसदी गिरकर 90,811 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहे थे। कॉमेक्स गोल्ड वायदा 1.90 डॉलर प्रति औंस या 0.07 प्रतिशत गिरकर एशियाई बाजार में 2,674.40 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। वैश्विक बाजारों में, चांदी 0.24 प्रतिशत गिरकर 31.26 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। इस तरह आज सोने चांदी में बड़ी गिरावट हुई है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट :
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एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि सोने में स्थिर से लेकर सीमित दायरे में कारोबार हुआ, क्योंकि बाजार प्रतिभागी आज रात फेडरल रिजर्व (फेड) की बैठक के नतीजों का इंतजार कर रहे थे, जिसमें 0.25 फीसदी ब्याज दर में कटौती की उम्मीद है। इधर, एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी का कहना है कि ट्रंप के व्यापार उत्साह और पूंजी प्रवाह के बिटकॉइन और इक्विटी बाजारों जैसी जोखिमपूर्ण एसेट्स की तरफ शिफ्ट होने के बीच सुरक्षित-आश्रय प्रवाह कम होने से सोने की कीमतों में गिरावट आई है। व्यापारियों ने कहा कि कीमती धातु का भविष्य का आंदोलन फेड की टिप्पणी और उसके बाद के दर निर्णयों पर निर्भर करेगा। हालांकि दरों में कमी का अनुमान है, लेकिन इन कटौतियों की गति और सीमा पीली धातु की अपील के लिए महत्वपूर्ण होगी, आगे और भी गिरावट की सम्भावना है।