संभल में बड़ा उपद्रव, पत्थरबाजों और उपद्रवियों पर योगी सरकार सख्त रूप से एक्शन लेने की तैयारी में।

संभल (उ.प्र.) : संभल में कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस की मौजूदगी में मुगलों के समय की मस्जिद का सर्वेक्षण हो रहा था। इस दौरान कई लोग सर्वेक्षण का विरोध करने इकट्ठे होकर आ गए और पुलिसकर्मियों के साथ उनकी झड़प हो गई। इस झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 20 सुरक्षाकर्मियों सहित कई अन्य लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद से ही उत्तरप्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। अलग-अलग दलों के नेता संभल हिंसा को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि अराजक तत्वों ने पहले से ही इस हिंसा की तैयारी कर रखी थी, जिसके कारण ये बवाल हुआ है। 

मामले में अब सामने आया है कि उत्तर प्रदेश के संभल में कोर्ट के आदेश पर हुए जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन लगातार कार्यवाही कर रही है। इस मामले में अब तक 27 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। इनमें से 3 नाबालिग भी हैं। साथ ही 74 अन्य दंगाइयों की पहचान भी की गई है जो कि फरार हैं। इनकी तलाश लगातार जारी है। इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार संभल में उपद्रव करने वाले आरोपियों पर सख्त एक्शन लेने के मूड में है। संभल के पत्थरबाजों और उपद्रवियों पर योगी सरकार कैसे एक्शन लेगी इसकी जानकारी सामने आई है।

इस तरह लिया जाएगा एक्शन :

संभल के पत्थरबाजों और उपद्रवियों पर योगी सरकार सख्त रूप से एक्शन लेने की तैयारी में है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, सार्वजनिक स्थानों पर इन पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर लगेंगे। इनसे नुकसान की वसूली भी की जायेगी, टोगी आदित्यनाथ पहले भी उपद्रवियों पर कड़ा एक्शन ले चुके है। इसके साथ ही इन पर इनाम भी जारी किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही उपद्रवियों और अपराधियों के खिलाफ नुकसान की वसूली और पोस्टर का अध्यादेश भी जारी कर चुकी है।

ऐसे हैं संभल के हालात?

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संभल के मौजूदा हालात पर एसपी कृष्ण कुमार ने कहा है कि रविवार को हुई हिंसा के बाद इंटरनेट बंद करने का फैसला हुआ था जो अब भी लगातार जारी है। इसके अलावा स्थिति सामान्य है और बाकी सभी चीजें बहाल कर दी गई हैं। एसपी ने बताया है कि पुलिस ने घटना में शामिल लोगों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये हैं। 100 से ज्यादा लोगों की पहचान भी कर ली गई है और वे जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में भी होंगे। एसपी ने ये भी बताया कि संभल के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क को 23 नवंबर को BNS की धारा 168 के तहत नोटिस जारी किया गया है। इसी के इशारे पर उपद्रव की जानकारी सामने आ रही है?

पुलिस ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी :

संभल पुलिस और जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सरकार को संभल में हुई हिंसा के मामले में एक जांच रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में संभल पुलिस और जिला प्रशासन सरकार को पूरी जानकारी के साथ यह बताया गया है कि सर्वे की टीम कब आई और उसके बाद हिंसा कहां से और किस समय शुरू हुई। संभल पुलिस और जिला प्रशासन की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि हिंसा के समय कितने लोगों की भीड़ मौके पर मौजूद थी और पत्थरबाजी के साथ हिंसा कैसे शुरू हुई। इसके अलावा जिला पुलिस और प्रशासन ने उत्तरप्रदेश की सरकार को रिपोर्ट में हिंसक भीड़ पर पुलिस एक्शन के बारे में भी बताया है। इतना ही नहीं सम्भल पुलिस और प्रशासन ने राज्य सरकार को आगे की कार्यवाही, पुलिस जांच और पुलिस के एक्शन की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई इस रिपोर्ट पर सम्भल के DM राजेंद्र पेंसियां और SP कृष्ण बिश्नोई के हस्ताक्षर है। सरकार इस घटना को लेकर कड़ी कार्यवाही के मूड में है।

इन 7 एंगल से हो रही जांच :

पहला एंगल : पुलिस इस बात की सबसे पहले जांच कर रही है कि हिंसा वाले दिन जमा मस्जिद के आसपास भीड़ किसके कहने पर इकट्ठा हुई थी। 

दूसरा एंगल : पुलिस की जांच के लिए दूसरा सवाल यह है कि मौके पर मौजूद भीड़ को हिंसा के लिए किसने उकसाया। पुलिस संभल की शाही जामा मस्जिद के आसपास के क्षेत्रों में लगे मोबाईल डेटा की जानकारी इकट्ठा करने में लगी है ताकि ये पता लगाया जा सके कि हिंसा के समय कितने मोबाईल नंबर सक्रिय थे और उनके डेटा और डंप डेटा को भी पुलिस इकट्ठा कर रही है जो पुलिस जांच का अहम हिस्सा है, जिससे बड़ी जानकारी का खुलासा होगा। 

तीसरा एंगल : संभल पुलिस हिंसा के दौरान दंगाइयों द्वारा तोड़े गए CCTV कैमरों के DVR जब्त कर उनकी फुटेज रिकवर कर रही है, ताकि दंगाइयों की पहचान हो सके, कैमरे तोड़ने वाले दंगाई भी कार्यवाही के दायरे में आयेंगे। 

चौथा एंगल : संभल पुलिस ने अभी तक 27 मोबाईल फोन को फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा है ताकि फोन में से डिलीट डेटा को रिकवर कर ये पता लगाया जा सके कि हिंसा से पहले क्या दंगों की क्या योजना बनाई गई थी। 

पांचवा एंगल : संभल पुलिस ने कुछ सोशल मीडिया हैंडलों की पहचान की है। अब पुलिस इन सोशल मीडिया हैंडलों के द्वारा पोस्ट की गई वीडियो संदेशों का विश्लेषण भी कर रही है। 

छठा एंगल : संभल पुलिस ने हिंसा के समय के सीसीटीवी कैमरों, मोबाईल वीडियो और ड्रोन कैमरों की फुटेज को खंगालने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है, ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। 

सातवां एंगल : संभल पुलिस रविवार को हुई हिंसा के मामले में जल्द ही स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज करेगी ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके।

अब तक हुई कार्यवाही में सामने आया ये :

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अब तक 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें कुछ नाबालिग युवक भी शामिल हैं। संभल में पुलिस बल पर पथराव और हिंसा फैलाने के आरोप में तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस मामले में अब तक कई FIR दर्ज की हैं। इनमें से एक FIR में संभल के सांसद जियाउर रहमान वर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल का नाम भी शामिल है। इसके अलावा संभल हिंसा में मारे गए चार युवकों के परिवारों की शिकायत पर भी अलग-अलग FIR दर्ज की गई है। इस संबंध में पुलिस ने एक और FIR दर्ज की है, जिसमें पूरी हिंसा की जानकारी दी गई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से तीन ऐसे हैं, जिनकी आंखों के ऊपर और नीचे हरे रंग का लोशन लगा हुआ था। पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि यह लोशन आंसू गैस से बचाव के लिए लगाया गया था, क्योंकि इसे लगाने से आंसू गैस का असर कम हो जाता है।