बस्तर/बीजापुर : नक्सालियों पर बड़ी कार्यवाही की खबर लगातार आ रही है, पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ ही केंद्रीय एजेंसियों की सक्रियता से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर लगातार चोट हो रही है। ताजा खबर बस्तर और बीजापुर से सामने आई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बस्तर में उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब 10 जवानों की जान लेने वाला खूंखार नक्सली बांद्रा ताती गिरफ्तार कर लिया गया। यह घटना 23 अप्रैल 2023 को हुई थी, जब ताती ने घात लगाकर विस्फोट किया और जवानों की जान ले ली। यह गिरफ्तारी अरनपुर इलाके से हुई है।
नैमेड व बासागुड़ा से आठ नक्सली गिरफ्तार :
- इस बीच, थाना बासागुड़ा, कोबरा 210 एवं केरिपु 168 की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर राजपेंटा, सारकेगुड़ा की ओर निकली थी। राजपेंटा एवं सारकेगुड़ा जाने के मार्ग पर रोड किनारे 3-4 व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखकर भागने का प्रयास कर रहे थे, जिसे रोड ओपनिंग एवं सुरक्षा व्यवस्था में लगे पार्टी के द्वारा घेराबंदी कर पकड़ा गया। जो पूछताछ पर अपना नाम नागेश बोडडूगुल्ला मासा हेमला, सन्नू ओयाम लेमाम छोटू बताया है।
- पकड़े गये नक्सलियों की तलाशी के दौरान पास में रखे थैला में एक कुकर बम, एक टिफिन बम, कार्डेक्स वायर, बिजली का तार, बैटरी, दवाईया एवं माओवादी साहित्य बरामद किया गया। नक्सलियों से उक्त प्रतिबंधित विस्फोटक सामग्री के परिवहन के सबंध में नोटिस जारी कर वैध दस्तावेज मांगा गया जो किसी प्रकार का दस्तावेज नही होना बताया गया।
- डीआरजी एवं थाना नैमेड़ की संयुक्त कार्यवाही में मुसालूर के जंगल से चार नक्सलियों को विस्फोटक सामग्री व साहित्य बरामद किया गया। पकड़े गए नक्सली के नाम शंकर पूनेम (आरपीसी), बदरू अवलम ऊर्फ बोडडा (मोसला आरपीसी सदस्य), सन्नू पोयाम ऊर्फ संदीप (दुरधा आरपीसी मिलिशिया प्लाटून ए-सेक्शन कमाण्डर) कमलू हेमला (दुरधा आरपीसी जन मिलिशिया सदस्य) बताया है। ऐसी बड़ी कार्यवाहियां लगातार हो रही है।
- मौके पर उपरोक्त के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही करते हुऐ बरामद सामग्री कब्जे में लिया गया एवं उपरोक्त नक्सलियों के विरूद्ध थाना बासागुड़ा एवं नैमेड़ में वैधानिक कार्यवाही उपरान्त न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया गया है। नक्सलियों के विरुद्ध कार्यवाहियां लगातार जारी रहेंगी।
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वहीँ नक्सली समस्या को जड़ से ख़त्म करने के लिये केन्द्रीय गृहमंत्रालय प्रतिबद्ध है, वहीँ आपको बता दें की छत्तीसगढ़ में कार्यवाही होने के कारण कुछ नक्सली अपना ठिकाना मध्यप्रदेश में बनाने लगे है, ऐसे में मध्यप्रदेश के लिये भी मुश्किल खड़ी होने लगी है।