रायपुर : हास्य व्यंग्य मानव जीवन का एक हिस्सा है, समान्यतया मजाकिया तौर पर होता है, ऐसे में किसी पर कसा गया तंज, उसे अपमानित भी अहसास करवा सकता है, इसका प्रभाव तो सामने वाला कैसे लेता है, यह उसके उपर है। ऐसे ही छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पहले जमकर सियासत हो रही है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि भाजपा की आईटी सेल इस वीडियो को वायरल कर रही है। इस वीडियो का टाइटल है ‘छत्तीसगढ़ के रामायण’। इसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को राम बताया गया है, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को दशरथ दिखाया गया है। तो वहीं सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण बताया गया है। अब इस वीडियो को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस ने जमकर इस वीडियो पर नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेसके कई नेता इससे नाराज बताये जा रहे है, ऐसे में राजनैतिक बवाल उठाना तो लाजिमी है, लेकिन टीएस सिंहदेव ने इसे हल्के में लिया है।
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि रामायण भाईचारा का संदेश देता है. राम मर्यादा पुरुषोत्तम, जो हमेशा मर्यादाओं का ख्याल रखता हैं, उसके नाम पर रखा गया है। रामायण समरसता का संदेश के लिए है. यह वायरल वीडियो समरसता को खराब करने वाला है. मुझे नहीं लगता कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को इस बात की जानकारी होगी। जो लोग सद्भावना को खत्म करना चाहते हैं, ये ऐसे लोगों की करतूत है। इसे सरकार को संज्ञान में लेना चाहिए। सभी हिंदू और भगवान के आदर्श को मानने वाले लोग हैं। जिस तरह से कांग्रेस के नेताओं को यह दिखाने की कोशिश की गई है कि वे राक्षसों के दल से है, यह आपत्ति जनक है। मैं इसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं। हालाँकि कई कॉमेडियन विभिन्न नेताओं के सामने भी मिमिक्री कर चुके है, लेकिन कभी बवाल नहीं हुआ है।
कांग्रेस ने की कार्यवाही की मांग :
अमरजीत भगत ने कहा कि वीडियो को लेकर कार्यवाही होनी चाहिए। मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस पर फौरन रोक लगाई जाए। जिन लोगों ने ऐसी हरकत की है, उन्हें सजा दी जाए। ये लोग भाजपा के लोग हो सकते हैं, जो अवसर की तलाश में रहते हैं। ये ऐसे लोग हो सकते है जो अंगूठा कटा कर खुद को शहीद में बताने की कोशिश में रहते हैं। हालाँकि इस विडियो को ज्यादातर भाजपा समर्थक ही शेयर कर रहे है।
टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान :
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छत्तीसगढ़ की रामायण वायरल मीम पर पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में हास्य परिहास चलता रहता है। हल्की बात है, हल्के से लेना चाहिए। सार्वजनिक जीवन में हास्य परिहास चलते रहना चाहिए। अब कोई जीवित व्यक्ति राम हो, ऐसा तो हो नहीं सकता। मैं तो नहीं मानता ऐसा। ये उनकी हल्की सोच दिखा रही है। भाजपा ने कराया हो, नहीं कराया हो, हल्की बातें हैं, हल्के में लेना चाहिए। इस तरह पूर्व उप मुख्यमंत्री ने इसे नजरअंदाज किया है।



