अवैध बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज़ बनाने वाला गिरफ्त में, मास्टरमाइंड फरार, सामने आई ये जानकारी….।

रायपुर : छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में कई सालों से अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी युवकों के लिए पहचान संबंधी फर्जी दस्तावेज बनाने वाले कंप्यूटर सेंटर के संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, अवैध प्रवासियों को लेकर राज्य सरकारें भी लगातार अपनी कार्यवाही में जुटी हुई है। साथ ही फर्जी दस्तावेजों की तहकीकात भी बड़ी समस्या है, ऐसे में कंप्यूटर सेंटर के संचालक के कंप्यूटर, मोबाइल व अन्य सामान को जब्त किया गया है, जिसकी जांच को लेकर इसे फॉरेसिंक लैब भेजा जाएगा। हालांकि पूरे मामले का मास्टरमाइंड अब तक फरार वहल रहा है। भागने से पहले उसने रायपुर के एक हवलदार से मोबाइल में बातचीत भी की थी, जिसकी जानकारी सामने आई है।

वहीँ बांग्लादेशी घुसपैठियों को रायपुर में पनाह देने वाला आरोपी शेख अली पुलिस को लगातार छका रहा है। उसके बांग्लादेश भागने की आशंका भी जताई जा रही है। पहले यह माना जा रहा था कि वह महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश या बंगाल में अपने रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी छिपा हुआ हो सकता है। स्थानीय पुलिस ने बताया है कि अब तक इन स्थानों पर उसकी मौजूदगी की कोई सूचना अथवा कोई जानकारी नहीं मिली है। इस मामले में तीन बांग्लादेशी भाइयों का फर्जी दस्तावेज बनाने वाले कंप्यूटर संचालक मोहम्मद आरिफ को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। अब उसके बाद एटीएस की टीम लगातार शेख अली की पत्नी फरीदा और बेटे फैज की निगरानी कर रही है। एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि जेल भेजे गए शेख इस्माइल, शेख अकबर और शेख साजन को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया जायेगा।

यदि आवश्यकता पड़ी तो तीनों को नागपुर भी ले जाया जायेगा। वहां इन तीनों के साथ फरार शेख अली के रिश्तेदार रहते हैं। जांच के दायरे में उनके सभी रिश्तेदार भी शामिल हैं। शेख अली की दूसरी पत्नी शहला परवीन के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। शेख के कई मुस्लिम महिलाओं से भी संबंध होने का पता चला है। इन सभी की पतासाजी भी की जायेगी, मामले को तह तक खंगाला जायेगा।

कंप्यूटर में मिले संदिग्ध कंटेंट :

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तहकीकात में मिली जानकारी के अनुसार मो. आरिफ और शेख अली संगठित रैकेट बनाकर बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाकर गलत तरीके से देश के बाहर भेजने का काम करते थे। मामले में गोलबाजार थाने में धारा 336(3), 337, 338, 340(1) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरिफ को कोर्ट में पेशकर दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

पुलिस टीम ने उसके कंप्यूटर सेंटर में दबिश देकर पुराने कंप्यूटर की जांच की तो उसमें संदिग्ध कंटेंट के साथ कई लोगों के वोटर आईडी कार्ड, अंकसूची, फोटो आईडी, हस्ताक्षर, अंगूठे के निशान से संबंधित कूटरचित करना पाया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। आरोपियों ने पासपोर्ट, वीजा, जन्मतिथि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फर्जी अंकसूची भी बनवाई थी। ये अंकसूची कचहरी चौक के सत्कार कंप्यूटर के संचालक मोहम्मद आरिफ से बनवाया था। आरोपी के पास एक साफ्टवेयर भी मिला है, जिसके जरिए वह किसी भी सर्टिफिकेट को सम्पादित करके अंकसूची बना देता था। पुलिस ने उसके कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल व अन्य चीजों को जब्त किया गया है। सभी चीजों की जांच की जायेगी, जांच के बाद महत्वपूर्ण तथ्य सामने आने की जानकारी।

कई बांग्लादेशियों के बनाए फर्जी दस्तावेज :

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इस मामले में टिकरापारा थाना प्रभारी विनय सिंह बघेल ने बताया कि बांग्लादेशी भाइयों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले फूल चौक नयापारा (गोलबाजार) निवासी और कचहरी चौक स्थित सत्कार कंप्यूटर सेंटर के संचालक 50 साल के मोहम्मद आरिफ को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है। जांच में पता चला कि आरिफ ने जेल भेजे गए तीनों बांग्लादेशी भाइयों के अलावा भी कई बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाए हैं। वह दूसरे के दस्तावेजों को स्कैन कर फर्जी वोटर आईडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि बनाता था। मामले में पूछताछ के बाद क्या खुलासा होता वह सामने आयेगा।