मुंबई (महाराष्ट्र) : देश में जहाँ विभिन्न भाषा और क्षेत्र है तो ऐसे में भारतीय संविधान के अनुसार सभी को अपनी धर्म और संस्कृति का पालन करने का पूरा अधिकार है, वहीँ ऐसे में किसी के उपर जबरन किसी संस्कृति को मानने का दबाव नहीं डाला जा सकता है, वहीँ महाराष्ट्र में मराठी बोलने को लेकर कई बार विवाद सामने आये है, मुंबई में जहाँ देशभर के विभिन्न भाषी लोग नौकरी करने जाते है, ऐसे में उन पर मराठी भाषा बोलने का दबाव बनाना कितना सही है? क्या यह देश की एकता और अखंडता पर कुठाराघात नहीं है? ऐसे ही महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। एक प्रमुख टेलीकॉम कंपनी की महिला कर्मचारी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह एक ग्राहक से मराठी में बात करने से इंकार कर रही हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद महाराष्ट्र भाजपा की महिला मोर्चा अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य (MLC) चित्रा वाघ ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जिसको लेकर लोगों ने सवाल उठाये है, आप देश में एक भाषा की बात कर सकते है, लेकिन राज्य स्तर पर विभिन्न राज्यों के लोग खाने – कमाने जाते है, जो कि अपने देश में ही है, ऐसे में ऐसा दबाव बनाना सही नहीं है।
वहीँ इस मुद्दे को चित्रा वाघ ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा “अगर कोई महाराष्ट्र में रहता है तो उसे मराठी भाषा का ज्ञान होना चाहिए। अगर नहीं है तो कम से कम उसे सीखने और इसका सम्मान करने की इच्छा होनी चाहिए।” उन्होंने एयरटेल गैलरी की महिला कर्मचारी पर अहंकारी और असभ्य व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए टेलीकॉम कंपनी से तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है। जबकि विडियो स्पष्ट दिख रहा है कि ग्राहक उससे मराठी भाषा में बात करने का दबाव डाल रहा है, क्या वह ग्राहक वहां अपने काम से गया था अथवा भाषाई दबाव डालने?
कर्मचारियों के लिए मराठी अनिवार्य करने की मांग :
चित्रा वाघ ने टेलीकॉम कंपनी से मांग की है कि आगे से हर गैलरी में काम करने वाले कर्मचारियों को मराठी भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य किया जाए। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कंपनी को मराठी भाषा में दक्ष उम्मीदवारों को प्राथमिकता देकर भर्ती करनी चाहिए।
वायरल वीडियो में क्या था?
वायरल वीडियो को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा शूट किया गया था, जिसमें ये देखा गया कि मुंबई के एक स्थानीय एयरटेल गैलरी में ग्राहक की शिकायत का समाधान नहीं किया गया और कर्मचारी का व्यवहार अनुचित रहा। वीडियो में महिला कर्मचारी ये कहते हुए दिखाई दी “मैं मराठी में क्यों बोलूं? कहां लिखा है कि महाराष्ट्र में मराठी बोलनी जरूरी है? आप मुझसे ठीक से बात करें।” जब सीनियर स्टाफ आउटलेट पर पहुंचे तो महिला कर्मचारी ने दोबारा कहा “मराठी मेरे लिए अहम नहीं है। हम हिंदुस्तान में रहते हैं और कोई भी किसी भी भाषा का इस्तेमाल कर सकता है।” इसके बाद भी युवक मराठी भाषा को लेकर व्यर्थ की बहस कर रहा है, जबकि भारत में सभी संस्कृतियों का बराबर सम्मान होता है।
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