कोलकाता (प. बंगाल) : ताजा जानकारी के अनुसार, वक्फ कानून के विरोध को लेकर भड़की हिंसा के बाद मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद के हिंदू काफी डरे हुए हैं, यहाँ माहौल काफी खौफनाक है। अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। क्षेत्र में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है लेकिन हिंदुओं का खौफ कम नहीं हो रहा है यहाँ हिंसा लगातार बढ़ती ही जा रही है। मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बीच जान बचाने के लिए हिंदू परिवार वहां से पलायन कर रहे हैं। नदी के रास्ते से अब तक एक हज़ार से ज्यादा हिंदू पलायन करके मालदा पहुंच चुके हैं। इसमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं। हिंदू परिवारों ने मालदा के एक स्कूल में शरण ली है। हिंदुओं का कहना है कि मुर्शिदाबाद में दंगाइयों की भीड़ ने उनपर टारगेट करके अटैक किया है।
जाफराबाद में हिंदुओं के ज्यादातर मकान और दुकान जला दिए गए हैं। जाफराबाद के हिंसाग्रस्त इलाके में हिंदू पलायन कर चुका है। मंदिर तहस-नहस कर दिए गए हैं। घरों-दुकानों में ताला लटका हुआ है। धुलिया और जाफराबाद में घाट के किनारे और बीच में जो हिंदू फंस गए वो नाव से नदी के दूसरी तरफ पलायन कर गए है, ताकि सुरक्षित रहे, क्योंकि हाईवे तक पहुंचने का रास्ता ही नहीं मिल रहा है। वहीँ बीच में मुस्लिम बस्ती के लोगों ने काफी तांडव मचाया है। वहीं, धुलिया में मंदिर में पत्थरबाजी हुई, दुकानों को जलाया गया है। लोगों का कहना है कि हजारों लोगों ने उत्पात मचाया। यहां बीएसएफ की चौकी नहीं बनी, तो हम सुरक्षित नहीं रहेंगे। लगातार हिन्दुओं को टारगेट किया जा रहा है। यहाँ कश्मीर जैसे खौफनाक हालात बताये जा रहे है।
अब तक 210 गिरफ्तारियां :
अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम जानकारी दी कि प्रभावित क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता बहाल करने की कोशिश जारी है। दुकानें खुलनी शुरू हो गई हैं और लोग वापस लौट रहे हैं। अब तक 19 परिवार अपने घर लौट चुके हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद, दोनों जिला प्रशासन जिलों से चले गए लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “अब तक 210 गिरफ्तारियां की गई हैं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और जानकारी की पुष्टि करें। अगर हमें शांति बनाए रखनी है तो अफवाहों पर रोक लगानी होगी।”
हिंसा में तीन लोगों की मौत :
मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियां, शमशेरगंज और जंगीपुर क्षेत्रों में शुक्रवार से भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। एक मामले में पिता और पुत्र की नृशंस हत्या का जिक्र करते हुए जावेद शमीम ने बताया कि एक अलग मामला दर्ज किया जाएगा और इसमें शामिल सभी लोगों- दोषियों और तमाशबीनों को जवाबदेह ठहराया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सटीक पहचान करने में समय लगेगा, लेकिन किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा। वहीं हिंसा के बाद केंद्र ने मुर्शिदाबाद में सेंट्रल फोर्स को और बढ़ाने का फैसला किया है। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए मुर्शिदाबाद में कई जगहों पर इंटरनेट सेवाएं बंद है। साथ ही मालदा और बीरभूम में भी कुछ जगहों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। वहीँ बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग उठ रही है, जिसकी कोई उम्मीद नहीं है।