दिल्ली में 11 लोगों की मौत में चूहों का हाथ, मामले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा।

नई दिल्ली : दिल्ली स्थित दयालपुर के शक्ति विहार में चार मंजिला इमारत गिर गई है, जिससे 11 लोगों की मौत हो गई है, यह सभी के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई अपनी-अपनी बात कह रहा है। हादसे में जान गंवाने वाले हाजी तहसीन के पड़ोसियों का दावा है कि उनकी इमारत में बड़े-बड़े चूहों ने बिल बनाए हुए थे। चूहों ने इमारत की बुनियाद को पूरी तरह खोखला कर दिया था, जिसके कारण ईमारत ढहने की बात कही जा रही है। वहीँ रविवार को पहले ही मलबा हटाने के दौरान निगम की टीम को भी पता चला था कि इमारत गिरने के अलावा तीन से चार फीट जमीन के अंदर धंसी हुई थी। ऐसे में आशंका है कि चूहों ने इमारत की नींव को पूरी तरह खोखला कर दिया था। हादसे वाली रात 11 बजे कुछ लोगों ने इमारत में झटका भी महसूस किया था। उसे संकेत मानकर उसी समय इमारत को खाली कर दिया जाता तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता।

एल-शेप होने की वजह से जमींदोज हुई इमारत :

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इस घटना को लेकर पड़ोसी सोहराब ने बताया है कि हादसे वाली इमारत एल-शेप की थी। कई साल से इमारत से मोटे-मोटे चूहों को निकलते देखा जा रहा था। कई बार उन्होंने खुद तहसीन को इसके लिए टोका हुआ था। निगम की ओर से बनाई नालियों की तली को भी कच्चा छोड़ दिया गया था। ऐसे में नालियों का पानी खोखली हो चुके इमारत की बुनियाद में घुस रहा था। एक अन्य पड़ोसी सोनू ने भी इसकी तस्दीक की थी। वहीँ उसने बताया कि तहसीन भूतल पर बनी दुकानों में कुछ न कुछ कराते ही रहते थे। छह-सात बार उन्होंने दुकानों के निर्माण में छेड़छाड़ की थी, जिससे ईमारत कमजोर हो रही थी। यदि इमारत तीन ओर से मकानों के बीच दबी होती तो हादसे की संभावना कम हो जाती। एल-शेप होने की वजह से इमारत भरभराकर जमींदोज हो गई। हालांकि, पुलिस प्रशासन हादसे की वजहों को लेकर अभी कुछ नहीं बोल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है। छानबीन के बाद हादसे की वजहों पता चलेगा।

मलबा हटाने का काम खत्म, 11 शव किए सुपुर्द-ए-खाक :

चार मंजिला इमारत गिरने के मामले में रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार देर रात तक चला। काफी तलाशी के बाद जब यह सुनिश्चित हो गया कि मलबे में अब कोई और मौजूद नहीं तो एनडीआरएफ व डीडीएमए समेत बाकी एजेंसियों ने बचाव का काम बंद कर दिया। हालांकि, नगर निगम की टीमें मलबा हटाने में जुटी रहीं। सोमवार सुबह तक काम खत्म हो गया था। वहीं, इमारत गिरने की वजहों का पता लगाने के लिए क्राइम टीम व एफएसएल ने साक्ष्य जुटाए गये और इमारत के मेटेरियल के सैंपल भी लिए है। पुलिस ने रविवार दोपहर बाद पोस्टमार्टम कराने के बाद 11 शव परिजनों के हवाले कर दिए। देर शाम तक सभी को मुस्तफाबाद के 25 फुटा कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज :

इस घटना को लेकर उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त आशीष मिश्रा ने बताया कि हादसे के संबंध में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की छानबीन जारी है। कुछ लोग इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल में भर्ती करवाये गये। पड़ोसियों व बाकी लोगों के बयान भी लिए जा रहे हैं। छानबीन के बाद आगे तथ्यों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। शनिवार शाम तक बचाव दल ने मलबे से 22 लोगों को निकाल लिया था। स्थानीय लोगों का दावा था कि भूतल की दुकान में काम कर रहे चार मजदूर इमारत गिरने के समय वहां सो रहे थे, लेकिन मलबा हटाने के दौरान बचाव दल को वहां कोई नहीं मिला था, उनकी कोई जानकारी नहीं है।

ज्यादातर घायलों को फ्रेक्चर :

अस्पताल में मकान मालिक हाजी तहसीन की पत्नी जीनत बेगम के अलावा किरायेदार नबी अहमद व बेटी तनु, दूसरे किरायेदार शाहिद व पत्नी रिहाना का इलाज जारी होने की बात सामने आई है। ज्यादातर घायलों के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फ्रेक्चर होने के अलावा उनके सिर में भी चोट लगी है। तहसीन के परिजन प्रशासन से नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद अभी तक प्रशासन ने संपर्क नहीं किया है। उनके सिर से छत भी छिन गई है और इलाज के पैसे भी नहीं हैं, ऐसे में उनके लिये बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। शुक्रवार देर रात 2:50 बजे दयालपुर के शक्ति विहार गली नंबर-1 में चार मंजिला इमारत जमींदोज हो गई थी। हादसे में एक ही परिवार के आठ लोगों समेत कुल 11 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 11 लोग जख्मी हो गए थे। छह लोगों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी, बाकी पांच का इलाज अभी जारी रहने की बात सामने आई है।