रायपुर : राजधानी में बढ़ती आबादी के कारण ट्रैफिक व्यवस्था गड़बड़ा गई है। अब राजधानी की सड़कों पर धुएं छोड़ती सिटी बसें बंद हो जायेंगी। इसकी तैयारियां नगर निगम ने अब शुरू कर दी है। शहर में 22000 से ज्यादा और ई-रिक्शा ने ट्रैफिक व्यवस्था तबाह करके रख दी है, कहीं भी गाड़ी रोकना तेज गति से दौड़ाना, उनके कारण लगातार दुर्घटना का भय बना रहता है। हालांकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम दुरुस्त होने में अभी एक साल का समय लगेगा। जब प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत बसें आएंगी तो शहर के सभी प्रमुख मार्गों के अलावा आसपास के शहरों के बीच आवाजाही काफी आसान होगी।
इन बसों में किराया भी काफी कम होगा। ऐसी 10 ई-बसें नगर निगम को मिलेंगी। इसके लिए हीरापुर जरवाय में एक नया ई-बस डिपो तैयार करने का काम अगले महीने से शुरू हो जायेगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। निगम प्रशासन ने ई-बसों के चार्जिंग प्वाइंट और बस स्टेशन बनाने के लिए सीएसपीडीसीएल कंपनी को 8 करोड़ 63 लाख रुपए दे दिए हैं। वहीँ इसके बाद लोकल यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
राजधानी बनने के बाद नगर निगम क्षेत्र की जनता को सस्ती सिटी बस सेवा मुहैया कराना था। इसके लिए जेएनएनयूआरएम फेस 1 के तहत 100 सिटी बसें खरीदी गई थी। बाजारों, कार्यालयों में आने-जाने के लिए लोग सिटी बसों का ही उपयोग करें। इससे वायु प्रदूषण शहर में कम होगा और पर्यावरण में काफी सुधार होगा लेकिन, इनमें से वर्तमान में 98 बसों का संचालन मंत्रालयीन और विभागाध्यक्ष कार्यालयों के कर्मचारियों के लिए पुराने रायपुर से नवा रायपुर के बीच किया जा रहा है। वहीँ अब आम आदमी भी इनका लाभ उठा सकेंगे।
दूसरे फेस में 67 बसें खरीदी, ज्यादातर कबाड़ :
जेएनएनयूआरएम फेस-2 के तहत शहर के प्रमुख मार्गों पर सिटी बसें चलाने के लिए 67 बसें खरीदी गईं थी, लेकिन कोरोना काल में ये बसें दो साल तक आमानाका डिपो में खड़ी-खड़ी बर्बाद हो गई हैं, सरकार द्वारा इस तरह से जनता के पैसे का लगातार दुरुपयोग होना कोई बड़ी बात नहीं है। 2022 में शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवा के तहत सिटी बसें चलाने के लिए दुर्ग के मनीष ट्रेवल्स से निगम प्रशासन ने अनुबंध किया था। इस ट्रांसपोर्ट को बसों को दुरुस्त करने के लिए नगर निगम द्वारा लाखों रुपए दिए, लेकिन अधिकांश सिटी बसें कबाड़ में तब्दील हो गई। सिर्फ 37 सिटी बसों के चलने का दावा किया जा रहा है। निगम के अधिकारियों के अनुसार इन बसों से प्रतिदिन 12 हजार यात्री आना-जाना करते हैं। ऑनलाइन ई-टिकटिंग सिस्टम भी लागू है।
5 एकड़ में नया डिपो होगा, यहीं से होगा संचालन :
हीरापुर जरवाय में नगर निगम ई-सिटी बसों का डिपो 5 एकड़ में बनाने जा रहा है। यहीं से बसों का संचालन होगा। इसके निर्माण का ठेका बिलासपुर की श्रद्धा कंस्ट्रक्शन को 11 करोड़ 17 लाख रुपए में दिया गया है। जो डिपो का कार्यालय और बाउंड्रीवाल का निर्माण कराएगा। नगर निगम प्रशासन ने वर्कआर्डर जारी करते हुए जल्द निर्माण करने कहा है। जबकि सब स्टेशन और चार्जिंग प्वॉइंट का काम बिजली कंपनी कराएगी। 8 करोड 63 लाख रुपए बिजली कंपनी को प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना फंड से हस्तांतरित किया है। अब इसके संचालन के बाद शहर के लोगों को सुविधा मिलेगी। साथ ही यातायात भी सुगम होगा।



