नई दिल्ली : भारत में विदेशी आक्रान्ताओं ने भारतीय संस्कृति को काफी नुकसान पहुँचाया है, जिसके कारण अब वर्तमान में सांप्रदायिक बवाल खड़े रहते है, जिसको मिटाने के लिये कई लोग लगातार प्रयास कर रहे है। इसी विचार को लेकर आर्कियोलॉजिस्ट बीबी लाल द्वारा बाबरी मस्जिद की खुदाई में हिस्सा लेने वाले पूर्व ASI के रीजनल डायरेक्टर केके मुहम्मद ने बाबरी मस्जिद, मथुरा की जामा मस्जिद और काशी की ज्ञानवापी मस्जिद पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से आग्रह किया है कि मुसलमानों को अपनी ईच्छा से इन तीनों मस्जिदों को छोड़ देने चाहिए और हिंदू समुदाय के हवाले कर देना चाहिये, जिससे दोनों के बीच सद्भाव बना रहे। जैसे मुस्लिमों के लिये मक्का-मदीना है, वैसे ही हिन्दुओं के लिये काशी विश्वनाथ और श्री कृष्ण जन्मभूमि है।
पूर्व ASI रीजनल डायरेक्टर केके मुहम्मद ने कहा कि हिंदू समुदाय के लिए अयोध्या की राम मंदिर, काशी की ज्ञानवापी मस्जिद (हिंदू समुदाय के मुताबिक मंदिर) और मथुरा की जामा मस्जिद (कृष्ण जन्म भूमि) बिल्कुल वैसा ही है, जैसे मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना है। इसीलिए केके मुहम्मद ने मुस्लिम समुदाय से इन तीनों जगहों को हिंदू समुदाय के हवाले कर देना की आग्रह किया है।
इसके साथ ही उन्होंने हिंदू समुदाय को भी उन्होंने कहा है कि हिंदू समुदाय को और अधिक मस्जिदों पर दावा नहीं करना चाहिये। उन्होंने कहा कि दूसरे जगहों पर दावा करने से सिर्फ तनाव बढ़ेगा। जिसके लिये हिन्दू समुदाय अन्य मस्जिदों पर दावा ना करे। उन्होंने कहा कि इन तीन जगहों के अलावा हिंदू समुदाय की तरफ से कोई दीगर मांग नहीं आनी चाहिए, उन्होंने कहा कि कभी न खत्म होने वाली मांगों से समस्या का हल नहीं होगा। इसे समय रहते समाप्त नहीं किया गया तो यह कभी खत्म नहीं होगा।
इसके साथ ही बता दें कि हिंदुत्ववादी संगठनों की ओर से एक के बाद एक मस्जिद, मजारों और मकबरों पर हिंदू मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। इसी कड़ी में ताजमहल पर भी हिंदू मंदिर होने का दावा किया जाता रहा है। ताजमहल को हिंदूवादी संगठन द्वारा मंदिर बताये जाने वाले दावे को पूर्व ASI रीजनल डायरेक्टर केके मुहम्मद ने सीधे रद्द कर दिया है।
उन्होंने कहा कि ताजमहल जिस जमीन पर बनी है, वह जमीन असल में राजा मान सिंह की थी, बाद में जय सिंह को ट्रांसफर कर दी गई, और फिर शाहजहाँ को सौंप दी गई, जिसके डॉक्युमेंटेशन बीकानेर और जयपुर के म्यूजियम में मौजूद हैं। जिससे हिन्दू पक्ष का यह दावा मानने योग्य नहीं है।



