छत्तीसगढ़ में हवाई सेवाओं के विस्तार की नई कवायद शुरू ; रायपुर एयरपोर्ट के पास बनेगी एयरोसिटी : दिल्ली की तर्ज पर होगा परियोजना का विकास, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए निर्देश।

रायपुर /छत्तीसगढ़ रायपुर में हवाई सेवाओं के विस्तार की नई कवायद शुरू हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर हवाई अड्‌डे के पास एयरोसिटी बनाने का निर्देश दिया है। यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्‌डे के पास बने एयरोसिटी के तर्ज पर ही बसाया जाना है। यहां यात्रियों और दूसरे शहरियों के लिए आकर्षण के कई ठिकाने होंगे।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को अपने निवास कार्यालय में नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा की। इस दौरान कई हाउसिंग परियोजनाओं की प्रगति पर बात हुई। मुख्यमंत्री ने हवाई अड्‌डे के आसपास नियोजित शहर के विकास के लिए एयरोसिटी बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा, वे एयरोसिटी विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दें। बताया जा रहा है इसकी परिकल्पना दिल्ली की एयरोसिटी के आधार पर की गई है।

दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्‌डे के पास जीएमआर ग्रुप ने एयरोसिटी का विकास किया है। यह इलाका अपने होटल, रेस्तरां, स्टोर और आधुनिक वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इसे पर्यटकों, कॉर्पोरेट प्रबंधन और रोज आने-जाने वाले यात्रियाें की सुविधा और विलासिता को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, नगरीय प्रशासन विभाग एवं विकास विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी. सहित सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

दूसरे रनवे के लिए जमीन आरक्षित करेगी सरकार

रायपुर हवाई अड्‌डे पर एक दूसरा रनवे बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए राज्य सरकार जमीन सुरक्षित कराएगी। इसका प्रस्ताव जल्दी ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, एयरपोर्ट पर फ्लाइट की संख्या बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि दूसरा रनवे बने। इसके लिए राज्य सरकार भूमि आरक्षित करेगी। इसके लिए केंद्र से अनुमति के लिए प्रयास किए जाएंगे।

शहरी सड़कों की मरम्मत के लिए 147 करोड़ जारी

सरकार ने नगरीय निकायों को सड़क मरम्मत के लिए 147 करोड़ रुपए की राशि जारी किया है। इसके लिए एजेंसी चुनने का अधिकार कलेक्टरों को दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा, शहरों की खराब सड़कों की मरम्मत तत्काल किया जाए। जिला कलेक्टर और निगम आयुक्त खुद ही सड़क निर्माण और मरम्मत के काम की निगरानी करे।