रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल का आज जन्मदिन है। अर्द्धागनी मुक्तेश्वरी बघेल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बधाई दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट पर बधाई देते हुए लिखा है कि .. तोर बिना जिनगी म कुछु नही हे मोर,तोर से ही होते मोर जिनगी म अंजोर। मोर जीवनसंगनी मुक्तेश्वरी बघेल ला जन्मदिन के हार्दिक बधई अउ शुभकामना।
रायपुर की ही रहने वाली है मुक्तेश्वरी बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल का जन्म 25 अप्रैल को रायपुर के बैजनाथ पारा में हुआ था। मुक्तेश्वरी बघेल के पिताजी का नाम स्वर्गीय नरेंद्र वर्मा है। मुक्तेश्वरी बघेल की एक बहन और 3 भाई है जिनमें से एक भाई का निधन हो गया। मुक्तेश्वरी बघेल ने रायपुर के डिग्री गर्ल्स कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट की है। मुक्तेश्वरी बघेल बेहद ही सादगी के साथ जीवन जीने वाली महिला है। वो राजनीतिक कार्यक्रमों से बहुत दूर रहती है। वो ज्यादातर वक्त परिवार के बीच ही रहती है।
सीएम भूपेश बघेल पाटन के रहने वाले हैं
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 में पाटन के कुरूदडीह गांव में हुआ था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता का नाम नंद कुमार बघेल है और उनकी माता का नाम स्वर्गीय बिंदेश्वरी बघेल है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक भाई और दो बहनें हैं. भूपेश बघेल और मुक्तेश्वरी बघेल के चार संतान हैं जिनमें से तीन बेटियां हैं और एक बेटा है जिनमें से दो बेटियों की शादी हो चुकी है.
शादी को हो गये 41 साल
तीन फरवरी 1982 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की शादी रायपुर में मुक्तेश्वरी बघेल के साथ हुई थी. आज उनकी शादी की 40वीं सालगिरह है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने ऑफिशल टि्वटर पर एक फोटो ट्वीट की है. जिसमें वे अपनी पत्नी को हंसते हुए अंदाज में देख रहे हैं और उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल मुस्कारते हुए अंदाज में शर्मा रही हैं. उन्होंने फोटो ट्वीट करते हुए यह भी लिखा है कि “मेरा होना,तेरे होने से ही है” फोटो शेयर होने के कुछ ही देर बाद हजारों की संख्या में ट्विटर यूजर्स ने इस पोस्ट पर लाइक व कमेंट करना शुरू कर दिया है.
इस पोस्ट में कई यूजर्स ने रोचक अंदाज में अपने कमेंट जाहिर की है। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्य के रूप में वर्ष 1985 में शुरु की थी और 1993 में पाटन से अपना पहला चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधान सभा पहुंचे थे। 1998 में एक बार फिर वे पाटन से मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए और दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में जन सरोकार विभाग के राज्य मंत्री और बाद में परिवहन मंत्री बनाए गये।