राजनीति : इस वर्ष छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव है, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले आरोपों की राजनीति शुरू हो गई है। मनेन्द्रगढ़ से कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल ने भाजपा के पूर्व MLA श्याम बिहारी जायसवाल पर फर्जी दस्तावेज बनाकर आदिवासियों की जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। विनय का कहना है कि पूर्व विधायक ने 100 एकड़ से भी ज्यादा की जमीन पर कब्जा किया है। उन्होंने मां और पत्नी के नाम से 10 एकड़ से ज्यादा की जमीन का फर्जी दस्तावेज देकर वन अधिकार पट्टा हासिल किया है। उन्होंने आदिवासियों की जमीनें हड़पी है।
विनय जायसवाल के मुताबिक इसकी शिकायत उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पत्र लिखकर की है और इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। दो अलग-अलग केस में फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन घोटाले को अंजाम दिया गया है। पहले केस में उनकी पत्नी के प्रकरण में राशन कार्ड लगाया गया है, लेकिन मां के प्रकरण में पहचान के लिए राशन कार्ड न लगाकर धोखाधड़ी की गई है। उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है।
वन अधिकार पट्टा के अधिनियम के अनुसार व्यक्तिगत पट्टा परिवार के लिए जारी किया जाता है। एक ही परिवार के दो व्यक्तियों का पट्टा नहीं बन सकता है। वहीं इनके तीन पीढ़ियों के कब्जे का कोई भी दस्तावेज पेश नहीं किया गया है। अपना नाम छिपाने के लिए मां और पत्नी के नाम से वन अधिकार पट्टे का बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है। नियम के मुताबिक 10 एकड़ से अधिक भू-स्वामित्व परिवार वन अधिकार पट्टा के लिए पात्रता नहीं रख सकता। जिसके कारण यह कब्ज़ा अवैध है।
मेरे आरोपों को चुनाव से जोड़कर ना देखा जाए : विनय जायसवाल

बीते साढ़े चार साल से विनय जायसवाल इस क्षेत्र के विधायक रहे हैं और अब चुनाव से कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी श्याम बिहारी जायसवाल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गंभीर आरोप लगाए हैं, ऐसे में उनके इस खुलासे को चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि विनय का कहना है कि उनके पास सारे तथ्य और प्रमाण हैं, जिसके आधार पर वे आरोप लगा रहे हैं, लिहाजा इसे चुनाव से जोड़कर देखा जाना सही नहीं है।
और भी है जमीने हड़पने वाले नेता :
जमीनें हड़पने के मामले में कई बड़े नेताओं के नाम भी आ चूके है, आगे चलकर सब एक – दूसरे की पोल खोल सकते है, क्यूंकि इस वर्ष छत्तीसगढ़ में चुनावी माहौल और चुनाव में मात्र 6 माह ही बचे है।