पेट्रोल डीजल की बढ़ रही है किल्लत, देश के इन राज्यों में समाप्ति की ओर है इंधन, पम्पों पर लगी है लम्बी लाईनें, निकल रहा है ये समाधान।

नई दिल्ली : नये साल की शुरुआत इंधन की अफरा-तफरा से हुई है, इसके बाद वर्षभर क्या होगा अंदाजा लगाना मुश्किल है। मंगलवार को देश के कई राज्यों में पेट्रोल पंपों पर कार, दोपहिया और तिपहिया वाहनों की लंबी – लंबी लाइनें लग रही है। लोग अपनी गाड़ी के टैंकों को फुल करवाने के लिए पेट्रोल पंपों पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा कुछ लोग पेट्रोल और डीजल को स्टोर करने के लिए जेरी कैन में भी ईधन ले रहे हैं। जिसके कारण पर्याप्त इंधन होने के बावजूद किल्लत बढ़ रही है, जिससे खाद्य पदार्थों के दाम भी बढ़ेंगे और जिसका लाभ कालाबाजारी उठायेंगे।

जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस ड्राइवरों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है और ड्राईवर इस मांग को लेकर अब सड़कों पर उतर आए हैं। बताया जा रहा है कि लगभग 25 लाख ट्रकों के पहिए थम गए है। राजस्थान, यूपी, एपी, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब और उत्तराखंड में आज हालात बिगड़ सकते हैं। कई राज्यों में प्रदर्शन की वजह से पेट्रोल-डीजल, गैस और सब्जी समेत रोजाना की जरुरतों काफी प्रभावित हुई हैं। जहाँ अब पेट्रोल के लिये सरकार को सीमा तय करनी पड़ रही है।

खत्म होने वाला डीजल और पेट्रोल :

मंगलवार को जम्मू कश्मीर में पेट्रोल पंपों पर कार, दोपहिया और तिपहिया वाहनों की लंबी – लंबी लाइनें लग रही है। लोग अपनी गाड़ी के टैंकों को फुल करवाने के लिए पेट्रोल पंपों पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा कुछ लोग पेट्रोल और डीजल को स्टोर करने के लिए जेरी कैन में भी ईधन ले रहे हैं, जो कि गैर क़ानूनी भी है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में प्रशासन ने पेट्रोल और डीजल खरीददारों के लिए एक नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि अगर 10 लीटर से ज्यादा पेट्रोल या डीजल चाहिए तो ग्राहको को एसडीएम से अनुमति लेनी पड़ेगी।

दूध की सप्लाई पूरी तरह ठप :

राष्ट्रव्यापी हड़ताल की वजह से महाराष्ट्र में दूध सप्लाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है। दूध ले जाने वाले हजारों ट्रक राष्ट्रीय, अंतर-राज्य या राज्य राजमार्गों पर कई जगहों पर फंसे हुए हैं। बड़ी संख्या में मुंबई वालों को अपनी पसंदीदा सुबह की चाय और बच्चों के लिए दूध के बिना काम चलाना पड़ा। वहीँ कुछ क्षेत्रों में डिलीवरी सुबह 10 बजे या उसके बाद हुई है।

छत्तीसगढ़ में अभी सप्लाई पर सरकार ने उठाया है ये कदम :

जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने अफसरों की बैठक ली है, उन्हें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में कोई समस्या ना आये, सरकार ने पेट्रोल और डीजल की सप्लाई को नियमित करने के लिये जरुरी कदम उठा लिये है। वहीँ सरकार की तरफ से वकीलों ने ट्रक मालिकों को नये कानून की बारीकियां भी समझाई है, जिसके बाद शायद यह बवाल रुक जाये, वहीँ सामाजिक संगठनों ने आम लोगों से अपील की है कि धैर्य रखें, इंधन की खरीदी में हड़बड़ी ना मचायें जल्द ही समाधान निकलेगा, इस तरह हड़बड़ी करने से एम्बुलेंस, स्कूल और खाद्य परिवहन जैसे जरुरी सेवाओं में मुश्किलें खड़ी होंगी।