रायपुर : वैसे तो वन्यप्राणियों का शिकार करना अपराध है, लेकिन इस अपराध के साथ एक और अपराध भी सामने आया है, जिसमें ईडी को कार्यवाही करनी पड़ी है, मामला है प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सात मार्च को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शब्बीर अली से संबंधित वन्यजीव तस्करी मामले में अचल संपत्तियों को अंतिम रूप से कुर्क किया है। यह कार्यवाही शब्बीर अली और राकेश निषाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ के सिविल लाइन रायपुर द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआइआर के आधार पर की गई है। जिसमें ईडी ने भी प्रवेश लिया है।
ईडी द्वारा शुरू की गई जांच के अनुसार शब्बीर अली और राकेश निषाद पर आरोप है कि उन्होंने दो तेंदुए के शावकों को बेचने के इरादे से उनकी तस्करी की थी। पुलिस ने एक नवंबर 2019 को रायपुर में माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में इस मामले का आरोप पत्र दायर किया था। इस मामले में ईडी की जांच में पाया गया है कि शब्बीर अली अवैध रूप से तस्करी में संलिप्त था और तेंदुए के शावकों की तस्करी के साथ-साथ पक्षियों और अन्य जानवरों की अवैध बिक्री और खरीद में भी उसका हाथ था। इसके अलावा शब्बीर अली पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 49 का उल्लंघन करने का भी आरोप है। जांच में प्राप्त दस्तावेजी साक्ष्यों और अभियुक्तों के बयानों ने शब्बीर अली और राकेश निषाद की संलिप्तता को प्रमाणित किया गया है।
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वहीँ इस मामले में जानकारी सामने आई है कि गरियाबंद के मैनपुर से तेंदुआ के शावकों को तस्करी के लिए रायपुर लाया गया था। सूचना के आधार पर जिले के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस की विशेष टीम गठित कर नाकेबंदी की गई थी। इसी दौरान टीम ने दोनों को पकड़ा। उनके वाहनों की जांच में शावकों को बरामद किया गया है। अब शब्बीर अली की संपत्तियों को कुर्क किये जाने की कार्यवाही की जा रही है, तो अब दोनों आरोपी गिरफ्त में है।