ईरान/इजराइल युद्ध : ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर बड़ा जवाबी हमला बोला है। ईरानी सेना की ओर से इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के हेडक्वार्टर समेत अन्य अहम ठिकानों पर बड़ा हमला किया गया। ईरान की ओर से किए गए इस जवाबी हमले के दौरान इजरायल पर 370 से ज़्यादा मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे गए है। ईरान के हमलों में अब तक इजरायल में 24 लोग मारे गए हैं और 500 से ज़्यादा घायल हुए हैं। ईरान ने यह कार्यवाही अपने आर्मी चीफ अली शादमानी की इजरायल द्वारा हत्या किए जाने के बाद की है। यह इजरायल पर ईरान का अब तक का सबसे बड़ा हमला है। ईरान अब लगातार आक्रामक होता जा रहा है।
उत्तरी इजरायल में कई जगह हुए हमले :
वहीँ इजरायली सेना ने कहा कि मंगलवार को फिर से तेहरान ने उत्तरी इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया है, जिससे विस्फोटों की आवाजें सुनीं गयी है। उधर, ईरान की राजधानी में दुकानें बंद हैं और गैस के लिए कतारें लगी हैं। तेहरान का मुख्य क्षेत्र मंगलवार सुबह से ही खाली होने लगा है और कई दुकानें बंद रहीं है। शहर का प्राचीन ‘ग्रैंड बाज़ार’ भी बंद रहा। ऐसा पहले सिर्फ़ सरकार विरोधी प्रदर्शनों या कोरोना वायरस महामारी के चरम पर रहने के दौरान ही हुआ था। तेहरान से पश्चिम की ओर जाने वाली सड़कों पर यातायात जाम की स्थिति देखी गई। कई लोग कैस्पियन सागर क्षेत्र की ओर जाते दिखाई दिए।
ईरान की सरकार ने तेहरान पर हुए इजरायली हमले के बाद मौतों और नुकसान का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है। ईरान के अनुसार गत 13 जून को इजरायली सेना के हमले के बाद से अब तक 224 ईरानियों की मौत हो गई और 1257 घायल हुए। तेहरान ने इसे जायोनिस्ट शासन का ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर गंभीर उल्लंघन माना है।
ईरान के परमाणु स्थल को पहुंचा गंभीर नुकसान :
इधर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA)ने दावा किया है कि इज़राइली हमलों से ईरान का भूमिगत परमाणु स्थल क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीँ आईएईए के अनुसार इजरायली हमले में ईरान के नतांज़ स्थित भूमिगत सेंट्रीफ्यूज हॉल्स पर ‘सीधा प्रभाव’ पड़ा है। खबरों के अनुसार, हमले के बाद IAEA ने साइट का निरीक्षण किया और पाया कि कुछ तकनीकी संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि इससे ईरान की संवर्धन क्षमता पर कितना प्रभाव पड़ा है। इजरायली हमले में सैकड़ों मौतों के बाद ईरान ने इजरायल को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
ईरान में कितने भारतीय लोग?
ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग के बीच ईरान में फंसे भारतीयों को वहां से कैसे वापस देश लाया जाए, इसके लिए भारत सरकार और ईरान में भारत का दूतावास दिन रात मेहनत कर रहा है। ईरान में 10,000 के करीब भारतीय मूल के लोग रहते हैं। इसमें ज्यादातर लोग तेहरान, मशहद और बंदर अब्बास जैसी जगहों पर रहते है। ईरान में राजधानी तेहरान से भारतीय मूल के लोगों को सुरक्षित जगहों पर भी ले जाया जा रहा है। ईरान में एक से डेढ़ हजार के करीब भारतीय छात्र भी हैं। इनमें से कई छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं। इनमें से 110 छात्रों को निकालकर अर्मेनिया लाया गया है। अब यहां से इन्हें विमान के जरिए भारत वापस लाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, अर्मेनिया लाए गए 110 छात्रों में 90 छात्र जम्मू कश्मीर से हैं।



