बहराइच (उ.प्र.) : उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान महाराजगंज कस्बे में हुई हिंसा का मामला अब एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। बहराइच कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर घटना में शामिल 10 आरोपियों को दोष सिद्ध करार दिया है। तीन आरोपियों को संदेह के लाभ में बरी कर दिया गया है। घटना में 13 अक्टूबर 2024 बवाल में एक युवक की हत्या कर दी गई थी।
अब 13 अक्टूबर 2024 को बहराइच में थाना हरदी के महराजगंज बाजार में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा मामले में जिला सत्र न्यायालय ने बड़ा फैसला सुना दिया है। अपर जिला जज प्रथम पवन कुमार शर्मा (द्वितीय) की कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले के मुख्य दोषी सरफराज को फांसी की सजा दी है। वहीँ इस हत्याकांड में शामिल बाकी नौ आरोपियों को उम्रकैद की सजा मिली है।
यह वारदात उस समय हुई थी जब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का जुलूस महराजगंज बाजार से गुजर रहा था। इसी दौरान हुए सांप्रदायिक विवाद और हिंसा में जुलूस में शामिल राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कुल 13 आरोपियों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया गया था। इस मामले ने कोर्ट ने 13 महीने और 26 दिन तक चले गहन ट्रायल के बाद अपना फैसला सुनाया है। उस समय इस हत्याकांड को लेकर बड़ा बवाल मचा था।
10 आरोपी दोषी करार, 3 हुए बरी :
वहीँ इस मामले को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने कड़ी कार्यवाही की मांग उठाई थी। अब कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के आधार पर कुल 10 आरोपियों को दोषी पाया है।इन 10 में से मुख्य दोषी सरफराज को राम गोपाल मिश्रा की हत्या का दोषी मानते हुए सबसे कठोर फांसी की सजा सुनाई गई है। इस आपराधिक साजिश और हिंसा में शामिल 9 अन्य अभियुक्तों को बाकी जीवन जेल में बिताने के लिए उम्रकैद की सजा दी गई है। हालांकि अन्य 13 आरोपियों में से तीन को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है।



