महू: उत्तराखंड में केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने वाले मार्ग पर जगह-जगह घाट पर भूस्खलन की स्थिति बन रही है। इसके कारण बद्रीनाथ जाने वाले यात्री भी उत्तराखंड में फंस गए हैं। इसमें महू के भी करीब 28 श्रद्धालु उत्तराखंड में फसे हुए हैं। सभी यात्री 18 जून को उत्तराखंड में देवदर्शन के लिए निकले थे और बद्रीनाथ से लौट रहे थे। तभी चमोली जिले के घाट में फंस गए। इसके कारण वहां की होटलों ने भी खाने पीने के सामान के दाम बढ़ा दिए हैं। यात्रियों को 40 रुपये का पराठा 150 रुपये में दिया जा रहा है। 30 रुपये के भजिए 100 रुपये में और 20 रुपये की पानी की बोतल 60-70 रुपये में खरीदना पड़ रही है।
जंगलों में बहते झरने और हैंडपंप से ला रहे पानी
महू में सात रास्ता क्षेत्र में रहने वाले हर्षद कजरे ने बताया कि वह 18 जून को निकले थे। इसमें महू के दोस्त और परिवार के करीब 15 लोग हैं। साथ ही इंदौर से भी महूनाके क्षेत्र की बालदा कालोनी में रहने वाले 15 लोग हैं। जिनके मुखिया दुर्गेश देप्ते हैं। इस तरह कुल 30 लोग यात्रा के लिए निकले थे। जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
यात्रा करते हुए वह पहले हरिद्वार गए। वहां से गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के दर्शन किए। केदारनाथ के बाद बद्रीनाथ के दर्शन के लिए निकले। बद्रीनाथ दर्शन कर वह वापस महू के लिए लौट रहे थे।गुरुवार को वह चमोली जिले से गुजर रहे थे। तभी सुबह करीब 6 बजे भूस्खलन हुआ। तब से यात्री एक ही जगह पर फंस गए। यात्रियों को अब खाने और पीने की भी समस्या हो गई है।
होटल पर तीन गुना से अधिक दाम बढ़ाकर खानेपीने की चीजें दी जा रही है। पीने के पानी के लिए 70 रुपये की बोतल खरीद रहे थे। पर वह भी सभी जगह खत्म हो गई। अब कई किलोमीटर चलकर हैंडपंप से पानी लेकर आ रहे हैं। या फिर 100-150 मीटर पर जंगल में बह रहे झरने का पानी पी रहे हैं।
भूस्खलन के बाद प्रशासन पत्थरों को हटाकर यातायात सुगम करने का प्रयास कर रहा है। खाने के लिए बिस्किट और पानी की बोतल दी है पर परेशानी अब भी बनी हुई है।उत्तराखंड में खराब मौसम के चलते यात्री किसी से संपर्क भी नहीं कर पा रहे हैं। फोन में कभी-कभी नेटवर्क आ रहे हैं जिससे महू के स्वजनों को जानकारी दे रहे हैं। घाट पर कई गाड़ियां खड़ी हुई हैं। सुबह से जाम लगा हुआ है।इसके कारण आसपास के होटल के कमरे भी पूरी तरह भर गए हैं। हर कमरे के लिए लाेग झगड़ा कर रहे हैं। विकल्प नहीं होने के कारण लोग या तो गाड़ियों में या फिर सड़क पर बैठकर ही रात बिता रहे हैं। होटलों के बाहर भी यात्रियों का जमावड़ा लगा हुआ है।