8 साल की उम्र से गरबा आयोजक समिति है जुड़ा से फिरोज खान, इस बार कार्यक्रम हुआ रद्द, सामने आया ये मामला….।

इंदौर (म.प्र.) : देशभर में इस समय नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है, सभी जगहों पर गैर हिन्दुओं को लेकर समितियां सावधानी बरत रही है और जगह – जगह मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा इस कार्यक्रम में शामिल होने पर आपत्तियां भी सामने आ रही है। ऐसे ही मध्य प्रदेश के इंदौर में एक गरबा कार्यक्रम की आयोजन समिति में फिरोज खान नाम के एक मुस्लिम के शामिल होने से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा कि कार्यक्रम को ही रद्द करना पड़ गया। दरअसल, आयोजन समिति में फिरोज खान के शामिल होने को लेकर बजरंग दल ने पुलिस के सामने आपत्ति जताए जताई थी, जिसके बाद गुरुवार को 10 दिन चलने वाला यह कार्यक्रम ऐन मौके पर रद्द कर दिया गया।

मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय नेता राजेश बिंजवे ने बताया कि बजरंग दल ने भंवरकुआं पुलिस को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया था कि गणेश नगर में कथित तौर पर ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा देने और अश्लीलता फैलाने की खातिर गरबा कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इसी कार्यक्रम को लेकर विहिप नेता ने विरोध जताया है।

गरबा कार्यक्रम के खिलाफ मिला बजरंग दल का ज्ञापन :

राजेश बिंजवे ने बताया कि बजरंग दल ने पुलिस से मांग की थी कि फिरोज खान नाम के शख्स द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने इस बात की पुष्टि की कि पुलिस को गणेश नगर में होने जा रहे गरबा कार्यक्रम के खिलाफ बजरंग दल का ज्ञापन मिला है। उन्होंने दावा किया कि आयोजकों ने अब तक इस गरबा कार्यक्रम की इजाजत लेने के लिए पुलिस के पास अप्लाई नहीं किया है। दंडोतिया ने कहा,‘अगर कोई व्यक्ति इस गरबा कार्यक्रम की इजाजत के लिए पुलिस से संपर्क करेगा, तो वैधानिक कदम उठाए जाएंगे।’ खबरों के मुताबिक, फिरोज इस कार्यक्रम में 8 साल की उम्र से ही शामिल होते आया हैं, जिसको लेकर उसने अपना दुःख भी जाहिर किया है।

‘पुलिस ने इजाजत दे दी थी, बाद में दबाव बनाया गया’ :

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गणेश नगर के ‘शिखर गरबा मंडल’ के कार्यक्रम के आयोजकों में शामिल फिरोज खान ने ये दावा किया कि पुलिस ने उनके संगठन को 10 दिन तक चलने वाले गरबा कार्यक्रम की इजाजत दे दी थी। खान ने कहा कि इजाजत मिलने के बाद भी कुछ लोगों ने जिस जगह पर गरबा होना था, उसके मालिक पर ‘अनुचित दबाव’ बनाया जिससे यह कार्यक्रम रद्द करना पड़ गया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, ‘हम पिछले 36 सालों से गणेश नगर में गरबा कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। मैं बचपन से गरबा पंडाल में सेवा करता आ रहा हूं। यह पहली बार है जब कुछ लोगों को मेरे मुसलमान होने के कारण इस गरबा कार्यक्रम को लेकर समस्या हुई है।’

‘मेरे नाम से दिक्कत है तो मैं पंडाल में कदम तक नहीं रखूंगा’ :

फिरोज खान ने कहा,‘जिन लोगों को यह समस्या हुई है, उनसे मैं अपील करता हूं कि वह गरबा कार्यक्रम आयोजित होने दें ताकि कई दिनों से तैयारी कर रहीं 250 से 300 महिलाएं गरबा कर सकें। अगर लोगों को मेरे नाम से दिक्कत है तो मैं गरबा पंडाल में कदम तक नहीं रखूंगा।’ उन्होंने कहा कि वह अपने मोहल्ले के इकलौते मुस्लिम हैं और ईद के साथ दीपावली भी मनाते हैं। वहीं, इस गरबा मंडल की नींव रखने वालों में शामिल दीपक हार्डिया ने कहा, ‘हमारा गरबा पंडाल सज गया था। पंडाल में स्थापना के लिए हमने देवी दुर्गा की प्रतिमा भी तय कर ली थी। लेकिन हम धार्मिक कार्यक्रम में कोई विवाद नहीं चाहते, इसलिए हमने गरबा पंडाल हटाते हुए कार्यक्रम रद्द कर दिया है।’

रतलाम शहर काजी ने मुस्लिमों से गरबा में ना जाने के लिये की अपील :

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रतलाम में शहर काजी ने मुसलमानों से गरबा कार्यक्रम में न जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हिंदू संगठनों की तरफ से आ रहे बयानों की वजह से ये अपील की है। काजी अहमद अली ने फेसबुक, वाट्सएप पर गुजारशी पत्र जारी किया है। उन्होंने अपील में उल्लेख किया है कि समय व हालात को मद्देनजर रखते हुए मुस्लिम समाजजन नवरात्रि पर्व में मेले में या गरबा देखने न जाएं। काजी अहमद अली ने फेसबुक, वाट्सएप पर गुजारशी पत्र जारी किया है।

दरअसल, इस बार नवरात्रि मेले में दुकान लगाने वालों और गरबा देखने वालों को लेकर हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों एक गाइडलाइन जारी की है। उनका साफ कहना है कि वह गरबा पंडाल में आने वाले लोगों का आधार कार्ड देखेंगे।

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काजी अहमद अली ने कहा कि गरबे में मुसलमान आएंगे, तो हम उनको मारेंगे। यह बयानबाजी गलत है। मैं इस तरह की सोच का व्यक्ति नहीं हूं। मैं हमेशा हिंदू, मुसलमान, सिक्ख और ईसाई सब की बात करता हूं। अब इस के बयान आ रहे हैं, तो मैंने सीएसपी को भी वीडियो भेजा कि यह किस तरह की बात हो रही है। उसके बाद मैंने तय किया कि मैं अपने लोगों को ही घर में बैठने के लिए कहूं।